Daal Ka Paani: कई समस्याओं का रामबाण इलाज है ‘दाल का पानी’, कैसे करना है सेवन ये जानिए

Benefits of Drinking Lentil Water: दाल भारतीय भोजन का एक अभिन्न अंग है। अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि दाल को उबालने के बाद कुछ लोग उसका पानी फेंक देते हैं। बता दें कि वो पानी वास्तव में प्रोटीन और पोषक तत्वों का भंडार होता है। इस पानी को ‘दाल का पानी’ कहा जाता है और आयुर्वेद से लेकर आधुनिक पोषण विज्ञान तक, इसे कई बीमारियों के लिए किसी ‘अमृत’ से कम नहीं माना जाता है।
दाल का पानी आसानी से पच जाता है, क्योंकि इसमें ठोस फाइबर की मात्रा कम होती है, जिससे यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है या जो किसी बीमारी से उबर रहे हैं। यह पानी विटामिन, मिनरल्स (जैसे आयरन और फोलेट) और अमीनो एसिड से भरपूर होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा और बिल्डिंग ब्लॉक्स प्रदान करते हैं। इसलिए इसे फेंकने के बजाय आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, जो आपको कमजोरी, डिहाइड्रेशन और पाचन संबंधी कई समस्याओं से बचा सकता है। आइए इसके सेवन का सही समय और तरीका के बारे में जानते हैं।
रिकवरी का बेहतरीन स्रोत, पेट को करता है सेट | Benefits of Drinking Lentil Water
दाल का पानी उन लोगों के लिए वरदान है जो बुखार, वायरल संक्रमण या सर्जरी के बाद रिकवर हो रहे हैं। यह प्रोटीन का सरलतम रूप होता है, जिसे शरीर जल्दी अवशोषित कर लेता है, जिससे मांसपेशियों की मरम्मत तेजी से होती है। यह पानी भूख न लगने की समस्या को भी दूर करता है और पोषण की कमी नहीं होने देता। जिन लोगों को अपच, गैस या दस्त की समस्या होती है, उनके लिए दाल का पानी बहुत फायदेमंद है। यह पेट को शांत करता है, आंतों की सूजन कम करता है और पाचन तंत्र पर बिना कोई बोझ डाले जरूरी तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान करता है। यह आपके गट हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए पोषण | Benefits of Drinking Lentil Water
दाल का पानी छोटे बच्चों (खासकर 6 महीने के बाद) और बुजुर्गों के आहार में प्रोटीन और ऊर्जा जोड़ने का सबसे सुरक्षित तरीका है। बच्चे इसे आसानी से पी लेते हैं और इसमें मौजूद आयरन तथा फोलेट उनके विकास में सहायता करते हैं। बुजुर्गों के लिए यह चबाने की जरूरत को कम करके पोषण देता है।
इसे पीने का सही समय | Benefits of Drinking Lentil Water
दाल का पानी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट या दोपहर के भोजन से पहले है। इसे सुबह पीने से दिन की शुरुआत में ही शरीर को ऊर्जा मिल जाती है। बीमारी से उबर रहे लोग इसे दिन में दो से तीन बार भी पी सकते हैं। इसे बनाते समय इसमें हल्का नमक और हींग डालना स्वाद और पाचन दोनों के लिए फायदेमंद होता है।