आयुर्वेद का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है। इस शब्द का अर्थ होता है- ‘जीवन का विज्ञान’, जो न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। आयुर्वेद न केवल रोगों के इलाज पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने का तरीका भी सिखाता है। भारत में आयुर्वेदिक दिवस हर साल धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस पर मनाया जाता है। इस साल आयुर्वेदिक दिवस 29 अक्टबूर को मनाया जा रहा है। इस दिन को सेलीब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्से आयुर्वेद के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाना और इससे होने वाले लाभों के बारे में लोगों को बताना है।
पुराने समय में औषधि और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके ही इलाज किया जाता था। आयुर्वेदिक दवाइयों की बात करें तो इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके सेवन से किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं, क्योंकि ये पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं। साल 2016 में भारत सरकार ने इस दिवस की शुरुआत की, जिससे लोग आयुर्वेद के लाभ, इसकी उपचार पद्धतियों, और स्वस्थ जीवनशैली में इसके महत्व को समझें और अपनाएं। यह दिन भगवान धन्वंतरि को भी समर्पित है, जिन्हें आयुर्वेद का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।

आयुर्वेदिक दिवस का महत्व (Ayurvedic Day Importance)
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
आयुर्वेदिक दिवस लोगों को नेचुरल तरीकों और लाइफस्टाइल में बदलाव करके हेल्दी रहने के महत्व के बारे में जागरूक करता है।इसमें पंचकर्म, योग, प्राणायाम, और बैलेंस डाइट पर जोर दिया जाता है, जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है।
प्राकृतिक चिकित्सा का प्रचार
आयुर्वेद में उपचार के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधियों का प्रयोग होता है, जो शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव के ठीक करने का दावा करती हैं। आयुर्वेदिक दिवस पर इन उपचार पद्धतियों के बारे में जानकारी दी जाती है और लोगों को इस ओर प्रोत्साहित किया जाता है।
बीमारियों की रोकथाम
आयुर्वेद में विशेष रूप से रोगों की रोकथाम के लिए उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेदिक दिवस के दौरान लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे आयुर्वेदिक तरीकों से बीमारियों से बचाव किया जा सकता है और पुरानी बीमारियों का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक उद्योग और शोध को बढ़ावा
यह दिन आयुर्वेदिक उद्योग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में नए शोध को प्रेरित करने का अवसर है। इसके माध्यम से आयुर्वेद के नए आयामों और प्रभावों का अध्ययन और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
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परंपरा और संस्कृति का सम्मान
आयुर्वेद भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। आयुर्वेदिक दिवस के माध्यम से इस परंपरा को संजोए रखने और नई पीढ़ी तक इसे पहुंचाने का उद्देश्य है।