Dengue and Papaya leaf juice: डेंगू और मलेरिया समेत मच्छर जनित बीमारियों के मामले देशभर में बढ़ रहे हैं। कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली-एनसीआर, सभी जगह डेंगू-मलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो मच्छरों के काटने से होने वाली ये बीमारियां कुछ स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती हैं। डेंगू और चिकनगुनिया में अगर समय पर इलाज न मिल पाए तो इससे अंगों को भी क्षति पहुंचने का जोखिम देखा जाता रहा है।
डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें | Dengue and Papaya leaf juice
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से डेंगू-मलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, सभी लोगों को इससे बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों में डेंगू की स्थिति गंभीर लक्षणों का कारण बन सकती है जिसको लेकर सावधानी बरतते रहना बहुत जरूरी है। अगर किसी को डेंगू हो जाए तो समय रहते इसकी जांच जरूर कराएं। डेंगू-मलेरिया के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं इसलिए जांच के माध्यम से सही निदान और समय पर उपचार प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा बीमारी में किसी भी घरेलू उपाय को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

प्लेटलेट काउंट लो होने की समस्या | Dengue and Papaya leaf juice
डेंगू के सीजन में पपीते के पत्तों के जूस की काफी चर्चा रहती है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट काउंट लो होने की समस्या अधिक देखी जाती है। माना जाता रहा है कि पपीते के पत्तों का जूस प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा हो सकता है। क्या वास्तव में पपीते के पत्ते का जूस डेंगू के मरीजों के लिए फायदेमंद है? क्या इसके सेवन से प्लेटलेट काउंट बढ़ाया जा सकता है? कई अध्ययन बताते हैं कि पपीते का फल और इसके पत्तों का जूस दोनों ही कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं, तो क्या इसे डेंगू के उपचार के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है?

ब्लड प्लेटलेट का स्तर बढ़ा सकता है पपीते का पत्ता | Dengue and Papaya leaf juice
डेंगू के लिए अभी तक कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाएं दी जाती रही हैं। क्या पपीते के पत्ते का जूस इसमें लाभकारी है इसे समझने के लिए डॉक्टर्स की टीम ने डेंगू पीड़ितों को एक अध्ययन में शामिल किया गया। मानव अध्ययनों में पाया गया कि पपीते के पत्ते के अर्क से ब्लड प्लेटलेट का स्तर बढ़ सकता है। पपीते के पत्तों में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने की भी क्षमता होती है। पपीते के पत्तों का उपयोग उन क्षेत्रों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के इलाज के लिए किया जाता रहा है जहां डेंगू बुखार एंडेमिक है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया ऐसी स्थिति है जो ब्लड प्लेटलेट काउंट कम होने का कारण बनती है। इसके कारण रक्त का थक्का नहीं बन पाता है। प्लेटलेट्स, रक्तस्राव को रोकने और घावों को ठीक करने के लिए थक्के बनाने में मदद करते हैं। यही कारण है कि प्लेटलेट्स कम हो जाने पर डेंगू की स्थिति में रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।

जांच और समय पर इलाज जरूरी | Dengue and Papaya leaf juice
अब सवाल ये है कि डेंगू हो जाए तो पपीते के पत्ते का जूस पिएं या नहीं? इस बारे में डॉक्टर कहते हैं, डेंगू की स्थिति को गंभीर माना जाता है इसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आपमें लक्षण दिख रहे हैं तो किसी डॉक्टर से मिलकर जांच और समय पर इलाज कराएं। डेंगू में पपीते के पत्ते का जूस लक्षणों को कम करने में फायदेमंद हो सकता है लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी अन्य सहायक उपचार से बचा जाना चाहिए।