डाइट और फिटनेसपरवरिशपोषणवेब स्टोरीजस्वास्थ्य और बीमारियां

Diabetes in Kids: डायबिटीज की चपेट में 15 से कम उम्र के बच्चे, जानिए क्या है वजह?

Diabetes in Kids: कुछ दशकों पहले तक टाइप-2 डायबिटीज को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी माना जाता था, फिर ये धीरे-धीरे 40 से कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बनाने लगा। हाल के कई अध्ययनों से पता चलता है कि अब सिर्फ वयस्क ही नहीं बच्चे भी इसका तेजी से शिकार होते जा रहे हैं। बच्चों में होने वाले डायबिटीज के अधिकतर मामले टाइप-1 डायबिटीज के देखे जाते रहे थे, हालांकि अब 15 से कम आयु वाले बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम भी तेजी से बढ़ता देखा जा रहा है।

कम उम्र में डायबिटीज होने से पूरे जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है,   जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं टाइप-2 डायबिटीज एक क्रोनिक बीमरी है। इसका अगर समय पर निदान और उपचार न शुरू हो पाए तो समय के साथ ये शरीर के कई अंगों जैसे आंखे, तंत्रिका, किडनी को भी प्रभावित करने लगती है। यही कारण है सभी माता-पिता को बच्चों की सेहत और डायबिटीज के संभावित लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहने की सलाह दी जाती है।

Health Tips: Importance Of Salt | Namak Khane Ke Fayde | Namak Na Khane Ke Fayde

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि टाइप-2 डायबिटीज वयस्कों में अधिक आम है। लेकिन कई प्रकार के जोखिम कारकों के चलते 15 से कम उम्र के बच्चे भी इसका शिकार होते जा रहे हैं। कहीं आपका बच्चा भी तो डायबिटीज का शिकार नहीं है?

मोटापा है इसके पीछे की बड़ी वजह | Diabetes in Kids

बच्चों में डायबिटीज का खतरा क्यों बढ़ रहा है, कहीं आपके बच्चे को भी तो ये बीमारी नहीं है? डॉ बताते हैं, बच्चों में मोटापे के बढ़ते मामले ने कम उम्र में ही डायबिटीज होने के जोखिमों को भी बढ़ा दिया है। अगर आपका बच्चा मोटापे का शिकार है, इसके साथ माता-पिता में से किसी को पहले से डायबिटीज की दिकक्त रही है तो ये खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अगर ये दो स्थितियां हैं तो डॉक्टर से मिलकर एक बार जांच जरूर करा लें। ज्यादातर मामलों में शुरुआती स्थिति में बच्चों में डायबिटीज के लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं, ऐसे में माता-पिता की सर्तकता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो जाती है।

बच्चों में बढ़ते मोटापे कई प्रकार से खतरनाक | Diabetes in Kids

डॉ कहते हैं, बच्चों में बढ़ते मोटापे के मामले काफी चिंताजनक रहे हैं। पहले के कई अध्ययनों इसके कारण कम उम्र में ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों के बढ़ते खतरे को लेकर अलर्ट किया जाता रहा है। बचपन में बढ़ता मोटापा अब सिर्फ वजन से जुड़ी परेशानी नहीं रह गई, बल्कि ये कई गंभीर बीमारियों की वजह बनता जा रहा है। अधिक वजन के साथ अगर क्रोनिक बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री रही है और बच्चों का लाइफस्टाइल और आहार ठीक नहीं है तो 20 की उम्र से पहले ही डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा कई गुना अधिक हो सकता है।

बच्चों में डायबिटीज की क्या पहचान है?| Diabetes in Kids

डॉक्टर बताते हैं,  बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज बहुत धीरे-धीरे विकसित होती है इसके कारण शुरुआती स्थितियों में कोई खास लक्षण नहीं दिखते। कभी-कभी, नियमित जांच के दौरान इसका निदान किया जाता है। बच्चे का ब्लड शुगर लेवल अगर अक्सर बढ़ा रहता है तो इसके कारण होने वाली कुछ समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। अगर बच्चे को बार-बार प्यास लग रही है,  बार-बार पेशाब जा रहा है, बिना ज्यादा शारीरिक मेहनत के अक्सर थकान महसूस करता है या फिर धुंधला दिखने लगा है तो ऐसे संकेतों को बिल्कुल अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। अनपेक्षित रूप से वजन घटना या बार-बार संक्रमण होना डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इस तरह की दिक्कतें होती हैं तो एक बार जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button