आम का फल गर्मियों की शान कहा जाता है। आम को फलों का राजा कहा जाता है। हर साल लोग गर्मियों में इसी बात से खुश हो जाते हैं कि उन्हें मनपसंद आम खाने को मिलेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister, Delhi) के लिए भी उनके घर से आए खाने के साथ आम भेजे गए। इसके बाद से यह चर्चा तेज हो गयी कि क्या आम खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है? डायबिटीज के मरीजों को आम खाने चाहिए या नहीं? इसी विषय पर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन शिल्पा मित्तल ने जानकारी दी है।
डायबिटीज में आम खाना चाहिए या नहीं?
आमतौर पर कहा जाता है कि अगर किसी का ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल है तो वह पके हुए आम खा सकता है। लेकिन, डाइटीशयन शिल्पा मित्तल का कहना है कि डायबिटीज मरीजों को आम खाने से पहले किसी क्वालिफाइड न्यूट्रीशनिस्ट या अपने डाइटीशियन की सलाह जरूर लेनी चाहिए। हो सकता है कि आपक ब्लड शुगर अभी नॉर्मल है लेकिन एक दिन पहले या एक सप्ताह पहले आपका ब्लड शुगर लेवल कितना था इस बात पर गौर करना भी जरूरी है। आपके ब्लड शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए आपको इस बात की सलाह दी जा सकती है कि आप कितनी मात्रा में आम खा सकते हैं।
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डायबिटीज में आम खाने का सही तरीका
शिल्पा मित्तल के अनुसार, बहुत से लोगों को आम खाना पसंद होता है इसीलिए आम के सीजन में वे 2-3 या उससे ज्यादा भी आम खा लेते हैं। लेकिन, ऐसा करना नॉन-डायबिटिक्स के लिए भी ठीक नहीं। डायबिटीज में लोगों को आधा से अधिक आम तो खाना ही नहीं चाहिए। इसी तरह डायबिटीज में आम खाते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप आम को मील के साथ नहीं खाएं। 2 मील्स के बीच आप आम का सेवन कर सकते हैं।
आम के साथ ना खाएं ये चीजें
कुछ जगहों पर आमरस के साथ पूरियां खायी जाती हैं तो कुछ जगहों पर रोटी के साथ मीठे आमरस का सेवन किया जाता है। लेकिन, यह डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा नहीं है। गेहूं के आटे में कार्ब्स होते हैं जो शुगर का ही एक रूप हैं। वहीं, आमरस में भी मिठास के लिए शक्कर मिलायी जाती है। इसीलिए, इन आम के साथ इन फूड कॉम्बिनेशन का सेवन करने से बचना चाहिए।