ग्रूमिंग टिप्सडाइट और फिटनेसपरवरिशपोषणवेब स्टोरीजस्पेशलिस्टस्वास्थ्य और बीमारियां
Trending

Diabetes: चेतावनी! रोटी-चावल भी बढ़ा सकते हैं डायबिटीज का खतरा

Diabetes: सामान्य भारतीय थाली में चावल और रोटी का स्थान प्रमुख होता है, इन दोनों में ही कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है। भोजन में प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की कमी के चलते मेटाबालिज्म से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम तेजी से बढ़ रहे हैं। चूंकि, अभी दीवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं, तो इस समय भोजन के प्रति हमारा अनुशासन थोड़ा बिगड़ जाता है। ऐसे में हमें ध्यान रखना है कि अगर दैनिक आहार में खराब गुणवत्ता वाले भोजन या कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट का हम अधिक प्रयोग करेंगे तो यह हमारी सेहत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

चावल या रोटी- क्या है बेहतर? | Diabetes

भारतीयों के भोजन में रोटी और चावल की अधिकता के कारण इसे कार्ब लविंग नेशन भी कहा जाता है। ज्यादातर लोग रोजाना इनटेक की जाने वाली कुल कैलोरी का 70-80 प्रतिशत कार्ब के रूप में लेते हैं। अक्सर चावल के मुकाबले रोटी को बेहतर बताया जाता है, पर यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। चावल रोटी से तभी बेहतर हो सकता है जब आटे की गुणवत्ता अच्छी नहीं हो। अगर वह रिफाइंड आटा है, तो यह सफेद पालिश वाले चावल की तरह ही नुकसान पहुंचा सकता है। बता दें कि आईसीएमआर का हालिया अध्ययन मेटाबॉलिज्म से जुड़ी दिक्कतों पर आधारित है। इसके अनुसार, ज्यादातर भारतीय सफेद चावल और प्रोसेस्ड साबुत अनाजों पर निर्भर हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस का जोखिम बढ़ाता है। बीते वर्षों में अगर जीवनशैली से जुड़ी परेशानियां सामने आई हैं, तो इसका एक बड़ा कारण है- भारतीयों के खानपान का गलत तरीका।

अधिक कार्ब क्यों है नुकसानदेह | Diabetes

अगर आप अस्वस्थ करने वाले कार्ब ले रहे हैं, तो उस कार्ब को पचाने के लिए शरीर को ज्यादा इंसुलिन की जरूरत होती है। अगर लंबे समय तक आप खराब गुणवत्ता वाले कार्ब जैसे सफेद चावल, मैदे से बनी चीजें आपके भोजन का हिस्सा बन चुके हैं, तो इंसुलिन का अनियिमत रिलीज होने लगता है। यही कारण है कि प्री-डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है और लोग कम उम्र में ही डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। वहीं मोटापा, हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज जैसी समस्याएं भी खराब खानपान के कारण ही बढ़ रही हैं।

डायबिटीज के मरीजों को रोटी या चावल खाने से पहले जरूर खानी चाहिए यह चीज,  डाइटीशियन ने दी सलाह | Diabetes patients should eat salad before roti or  rice according to dietician,

बदलना होगा पैटर्न | Diabetes

आमतौर पर भारतीयों के भोजन में रोटी-चावल की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं, त्योहार में कार्ब के साथ शुगर, फैट की भी अधिकता हो जाती है। औसतन भारतीयों की दैनिक कैलोरी का 62 प्रतिशत हिस्सा कम गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद चावल, मैदा और एडेड शुगर से आता है, जो कि निर्धारित मात्रा से ज्यादा है। भोजन में सभी पोषक तत्वों का संतुलन आवश्यक है। दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सफेद चावल ज्यादा खाया जाता है। वहीं, उत्तर और मध्य भारत में गेहूं का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सेहतकारी बाजरा जैसे मोटे अनाज कुछ ही राज्यों में लोगों की डेली डाइट का हिस्सा है।

  • इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के अनुसार | Diabetes

  • -भारतीय दैनिक ऊर्जा की आवश्यकता का 62 फीसदी निम्न श्रेणी के कार्बोहाइड्रेट से पूरा करते हैं।

  • -आप जितना अधिक कार्बोहाइड्रेट लेंगे, डायबिटीज होने की आशंका उतनी ही अधिक होगी।

  • -कार्ब से आने वाली 5 प्रतिशत एक्स्ट्रा एनर्जी से टाइप2 डायबिटीज का खतरा 14 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

  • -भोजन को लेकर विशेष सतर्कता

  • -डेयरी और प्लांट्स से मिलने वाले फूड्स को डाइट में शामिल करें।

  • -डाइट भोजन में कार्ब कुल कैलोरी का 50 प्रतिशत से ज्यादा न हो।

  • -हेल्दी कार्ब में दलिया, गेहूं की बनी सामान्य चपाती, ब्राउन राइस और मोटे अनाज से बने फूड्स लें।

  • -मैदे वाले फूड्स जैसे- बन, ब्रेड, पाश्ता, नूडल्स, रूमाली रोटी से दूरी बनाएं।

  • -थाली में प्रोटीन 15 से 20 प्रतिशत रहे और फैट की मात्रा 30 प्रतिशत से ज्यादा न हो।

  • -प्रोटीन कुल कैलोरी का 20 से 30 प्रतिशत तक ठीक है, पर 40 फीसदी से ज्यादा नुकसान कर सकता है।

  • -हाई प्रोटीन जैसे, रेड मीट से बचें। प्रोटीन के लिए दालें अच्छी हैं इसमें फाइबर भी मिल जाता है। साथ ही, अंडा, चिकन, मछली भी ले सकते हैं।

  • -हेल्दी फैट जैसे बादाम, अखरोट, अलसी, बीज, ऑलिव ऑयल को डाइट में शामिल करें।

  • -आज से ही फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने का प्रयास करें। नियमित कसरत व योग को प्राथमिकता दें।

  • -शुगर का सेवन बंद करें।

  • -डाइट और गतिविधि में सुधार लाकर टाइप 2 डायबिटीज के मामलों में 50 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button