वेब स्टोरीजस्वास्थ्य और बीमारियां

Diwali 2025: पटाखों से कोसों दूर रहें ऐसे लोग, वरना ट्रिगर हो सकती हैं बीमारियां

खुशियों का त्योहार दीपावली का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। मगर, पटाखों से निकलने वाला धुआं और तेज आवाज कुछ खास स्वास्थ्य समस्याओं (Health Issues) से जूझ रहे लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। पटाखों में हानिकारक रसायन और भारी धातुएं होती हैं, जो जलने पर हवा में जहरीले कण छोड़ते हैं। इसके साथ ही तेज शोर सीधे तंत्रिका तंत्र और कानों को प्रभावित करता है।

इन दोनों कारणों के संपर्क में आने से कई पुरानी बीमारियां तुरंत ट्रिगर हो सकती हैं, जिससे त्योहार के माहौल में ही व्यक्ति को अस्पताल जाना पड़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम सब त्योहार मनाएं, लेकिन खुद की सुरक्षा को पहले प्राथमिकता दें। जिन लोगों को पहले से ही श्वसन, हृदय या सुनने से संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए पटाखों के पास रहना किसी बड़े जोखिम को निमंत्रण देने जैसा है। इसलिए इन लोगों को पटाखों से पर्याप्त दूरी बनाए रखनी चाहिए और जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।

Diwali 2025: पटाखों से कोसों दूर रहें ऐसे लोग, वरना ट्रिगर हो सकती हैं बीमारियां

अस्थमा और श्वसन रोगियों के लिए खतरा | Diseases Caused By Firecrackers

अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के मरीजों को पटाखों से सबसे ज्यादा खतरा होता है। पटाखों के धुएं में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और बारीक कण फेफड़ों में घुसकर सूजन पैदा कर सकते हैं। इससे उनकी सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने में गंभीर तकलीफ और अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। इन लोगों को इस दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए।

साइनस, माइग्रेन और एलर्जी से पीड़ित लोग | Diseases Caused By Firecrackers

जिन लोगों को साइनस, माइग्रेन या एलर्जी की शिकायत रहती है, उनके लिए पटाखों का धुआं एक बड़ा ट्रिगर हो सकता है। धुएं में मौजूद रसायन नाक के मार्ग और साइनस कैविटी में जलन पैदा करते हैं। इससे साइनस ट्रिगर हो सकता है, जिससे नाक बहना, लगातार छींक आना, सिरदर्द और चेहरे पर दबाव महसूस हो सकता है। ऐसे लोगों को अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों से पूरी तरह बचना चाहिए।

संवेदनशील कान वाले लोग | Diseases Caused By Firecrackers

पटाखों की तेज आवाज कानों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चों और बुजुर्गों के कान ज्यादा संवेदनशील होते हैं। 140 डेसिबल से अधिक की आवाज उनके अंदरूनी कान की कोशिकाओं को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती है, जिससे टिनिटस (कान में घंटी बजना) या बहरापन हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों पहले सी ही सुनने से संबंधित समस्या है, उन्हें भी पटाखों से दूर रहना चाहिए। इन लोगों को हमेशा इयरप्लग्स पहनने चाहिए या तेज शोर वाले इलाकों से दूर रहना चाहिए।

हार्ट के मरीज और हाई ब्लड प्रशर | Diseases Caused By Firecrackers

हृदय रोगियों और हाई ब्लड प्रशर वाले लोगों को भी पटाखों से दूर रहना चाहिए। पटाखों की तेज और अचानक आवाज से तनाव हार्मोन जैसे एड्रेनालाईन का स्तर तेजी से बढ़ा सकती हैं। यह अचानक बढ़ा हुआ तनाव ब्लड प्रशर को बढ़ा सकता है और दिल की धड़कन को तेज कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी पटाखों के धुओं से दूर रहना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button