Hair Growth: बालों की लंबाई तेजी से है बढ़ाना? ये 5 असरदार आयुर्वेदिक उपायों को अपनाइए


Hair Growth: हर कोई चाहता है कि उसके बाल लंबे, घने और मजबूत हों. लेकिन आजकल तनाव, खराब खानपान, प्रदूषण और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स की वजह से बाल झड़ने और रुखे होने की समस्या आम हो गई है. इससे हेयर ग्रोथ भी एक जगह रुक जाती है. हालांकि, आप चाहें तो कुछ नेचुरल तरीके आजमाकर इन नुकसान को कम कर सकते हैं, जिससे हेयर ग्रोथ को भी बढ़ावा मिल सकता है. ये 5 छोटे-छोटे आयुर्वेदिक उपाय आपके बालों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
सुबह मेथी पानी से दिन की शुरुआत करें | Hair Growth
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ कहते हैं, मेथी के बीज में DHT-blocking गुण होते हैं, जो बाल झड़ने के मुख्य कारण को रोकते हैं. ऐसे में रात में एक चम्मच मेथी दाने पानी में भिगो दें और सुबह उसका पानी छानकर पी लें. यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है.
रोज 10 मिनट पृथ्वी मुद्रा करें | Hair Growth
आयुर्वेद के अनुसार, पृथ्वी मुद्रा करने से बालों की जड़ों को पोषण मिलता है और शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स का संतुलन बना रहता है. इसे करने के लिए अपने हाथ की अनामिका उंगली को अंगूठे से मिलाएं और बाकी तीन उंगलियों को सीधा रखें. इसे 10 मिनट तक रोज करें.
रोज 1 मिनट तक ऊंटासन (Camel Pose) करें | Hair Growth
ऊंटासन करने से सिर की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे बालों की जड़ें एक्टिव होती हैं. यह योगासन न सिर्फ बालों की ग्रोथ में मदद करता है, बल्कि रीढ़ की हड्डी और पीठ को भी मजबूत बनाता है. ऐसे में रोज कम से कम एक मिनट तक ऊंटासन करें.

बैक–कॉम्ब करें | Hair Growth
पीछे से आगे की तरफ हल्के हाथों से कंघी करें. ऐसे करने से सोई हुई बालों की जड़ें सक्रिय होती हैं. हालांकि, ध्यान रखें कि बाल सूखे और उलझे न हों, वरना टूट सकते हैं.
हेड ड्रॉप पोज करें | Hair Growth
इसके लिए सिर को नीचे की ओर झुकाकर कुछ सेकंड तक रहें. इससे सिर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और बालों की जड़ें अधिक पोषण पाती हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के मुताबिक, यह भी बालों को बढ़ाने का एक आसान लेकिन असरदार तरीका है. अगर आप इन 5 छोटे-छोटे उपायों को रोजाना अपनाएंगे, तो कुछ ही हफ्तों में बालों में मजबूती और लंबाई दिखने लगेगी. हालांकि, आयुर्वेदिक तरीके शरीर को भीतर से ठीक करते हैं, इसलिए धैर्य और नियमितता सबसे जरूरी है.





