Health Tips: नींद नहीं होती पूरी, दर्द से हैं कहरते, आपमें इस पोषक तत्व की है कमी!

Healthy Health Tips in Hindi: शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना चाहते हैं तो सबसे जरूरी है कि खानपान में कम उम्र से ही सुधार कर लें। जिन लोगों का आहार ठीक नहीं रहता है उनमें पाचन में गड़बड़ी से लेकर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। जब भी बात खानपान में सुधार की होती है तो हम अक्सर विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स की बात तो करते हैं, लेकिन शरीर के सही विकास और सुचारू कार्य के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम के महत्व को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
जबकि यही तत्व शरीर के अंदर सैकड़ों बायोकेमिकल प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि मैग्नीशियम हमारे शरीर की कई क्रियाओं जैसे हड्डियों को मजबूत रखने, मांसपेशियों के सही कार्य, नसों के सिग्नल, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और हार्टबीट को सामान्य बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यदि शरीर में इसकी कमी हो जाए तो थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, अनिद्रा जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, गड़बड़ लाइफस्टाइल और खानपान में पोषक तत्वों की कमी के कारण अधिकांश लोगों में मैग्नीशियम की कमी देखी जा रही है। समय रहते अगर इसके लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो आपकी दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं कि मैग्नीशियम क्यों इतना जरूरी माना जाता है और इसकी कमी से कौन-कौन सी दिक्कतें हो सकती हैं?
मैग्नीशियम की कमी होने पर कई समस्याएं हो सकती हैं | Healthy Health Tips in Hindi
मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए एक बेहद जरूरी खनिज है। इसकी कमी से शरीर में अनेक समस्याएं हो सकती हैं। मैग्नीशियम मांसपेशियों को दुरुस्त रखने, हृदय गति को स्थिर रखने, हड्डियों को मजबूत बनाने, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और ऊर्जा के उत्पादन में मदद करता है। शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर मांसपेशी में ऐंठन, दिल की अनियमित धड़कन, थकान, उच्च रक्तचाप, अवसाद, चिंता और नींद से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो दौरे भी पड़ सकते हैं।
आहार में सुधार करना जरूरी | Healthy Health Tips in Hindi
मैग्नीशियम के लिए फलियां, हरी सब्जियां, बादाम, चिया एवं कद्दू के बीज, ब्राउन राइस, केला और एवोकाडो को आहार में शामिल कर सकते हैं। अधिक कमी होने पर चिकित्सक से सलाह लें। मैग्नीशियम की कमी कैल्शियम और पोटैशियम के स्तर को भी प्रभावित कर सकती है। शरीर का लगभग 60 प्रतिशत मैग्नीशियम हड्डियों में जमा होता है। मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन-डी के साथ मिलकर हड्डियों को स्वस्थ बनाकर ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है। हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम का सेवन करना चाहिए। मैग्नीशियम मस्तिष्क के कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में मैग्नीशियम का कम स्तर तनाव, चिंता और अवसाद का कारण बन सकता है।
थकान और नींद की बढ़ती समस्याएं | Healthy Health Tips in Hindi
मैग्नीशियम शरीर में ऊर्जा बनाने वाली प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसकी कमी होने पर शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है यही कारण है कि जिन लोगों में इस पोषक तत्व की कमी होती है उनमें थकान, सुस्ती और कमजोरी की समस्या अधिक महसूस होती है। भले ही आप पर्याप्त नींद लें या पौष्टिक भोजन खाएं, लेकिन अगर शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा कम है तो एनर्जी लेवल कम ही महसूस होता है। मैग्नीशियम को नेचुरल रिलैक्सर भी कहा जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क में उन न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता है, जो नींद और शांति बनाए रखने में मदद करते हैं। यही कारण है कि इसकी कमी होने पर अनिद्रा, चिंता, बेचैनी और तनाव बढ़ने लगती है।