Heatwave: बढ़ रहा है तापमान, बच्चों की सेहत बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए जरूरी सुझाव

Heatwaves in India: देश के अधिकतर राज्य इन दिनों बढ़ती गर्मी का प्रकोप झेल रहे हैं। कई स्थानों पर तापमान 40 डिग्री को पार कर गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह की बढ़ती गर्मी का सेहत पर कई प्रकार से नकारात्मक असर हो सकता है। 40 से अधिक के तापमान के कारण हीटस्ट्रोक का जाोखिम बढ़ जाता है, जो पूरे शरीर के कार्यों को प्रभावित करने वाली हो सकती है। वैसे तो इस भीषण गर्मी से बचाव करते रहना सभी के लिए आवश्यक है पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चे और बुजुर्गो की सेहत पर लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
चूंकि बच्चे स्कूल जाते हैं, बाहर खेलते हैं इस वजह से उनमें हीट स्ट्रोक का जोखिम अधिक हो सकता है। सभी माता-पिता ये सुनिश्चित करें कि बच्चे धूप के सीधे संपर्क में कम से कम आएं और गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए उपाय करते रहें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तेज गर्मी में बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं जिसके बारे में माता-पिता को जानना और इसका पालन करते रहना जरूरी है।
बढ़ती गर्मी का बच्चों की सेहत पर असर | Heatwaves in India
बढ़ा हुआ तापमान बच्चों की सेहत पर गंभीर असर डाल सकता है। बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) वयस्कों की तुलना में कमजोर होती है, जिससे वे हीटवेव, डिहाइड्रेशन और अन्य गर्मी से जुड़ी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट्स के अनुसार, हीट स्ट्रोक बच्चों में जानलेवा हो सकता है, खासकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इसके कारण गंभीर जोखिमों को डर रहता है। अस्पतालों में रोजाना गर्मी के कारण होने वाली समस्याओं के साथ कई बच्चे आ रहे हैं, इसलिए सभी माता-पिता को इन दिनों अतिरिक्त सावधान बरतनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए जरूरी सलाह | Heatwaves in India
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
- स्वच्छ एवं ठंडे पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करें।
- साफ और सुरक्षित पानी के लिए वाटर कूलरों की नियमित रूप से सफाई करें और निगरानी करें।
- छात्र और शिक्षकों के नियमित स्वच्छता संबंधी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त जल भंडारण सुनिश्चित करें।
- कक्षाओं को प्राकृतिक या कृत्रिम तरीके, जैसे पंखे, कूलर आदि से अच्छी तरह हवादार रखें।
- विशेष रूप से लू की चेतावनी के दौरान, अत्यधिक धूप के दौरान (12-3 बजे) किसी भी बाहरी गतिविधियों से बचें।
- बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और शरीर को ठंडा रखने के महत्व के बारे में बतायें।
- एक खास अंतराल पर घंटी बजाकर बच्चों को पानी पीने के बारे में याद दिलाएं ।
- बच्चों को गर्मी/लू से संबंधित संकेत एंव लक्षणों को पहचाने के बारे में और प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बतायें।
- बच्चों को उनके मूत्र के रंग से शरीर में पानी की कमी के लक्षणों की पहचान करने के लिए शिक्षित करें।

तापमान बढ़ने से बच्चों को होने वाली मुख्य समस्याएं | Heatwaves in India
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अधिक तापमान में रहने वाले बच्चों को हीट स्ट्रोक हो सकता है। इसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाता है। इसके अलावा चक्कर-उल्टी आने, सांसे और धड़कन बढ़ने, बेहोशी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। गर्मी के दिनों में बच्चों में डिहाइड्रेशन का भी खतरा रहता है। इसके कारण अत्यधिक प्यास लगने, पेशाब कम लगने, होंठ-जीभ सूखने, सुस्ती या चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। इससे बचे रहने के लिए दिनभर में बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें।
बच्चों में डिहाइड्रेशन का खतरा| Heatwaves in India
जर्नल ऑफ पेडियाट्रिक्स में साल 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 6 से 12 वर्ष की उम्र के 60% बच्चे गर्मी में पर्याप्त पानी नहीं पीते, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है। सभी माता-पिता सुनिश्चित करें कि बच्चा दिन में 2-3 लीटर पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करता रहे।
