छोटे बच्चों के रोने की वजह हर बार भूख ही नहीं होती, इन दिक्कतों के भी हो सकते हैं संकेत

किसी भी माता-पिता के लिए छोटे बच्चों का रोना टेंशन का कारण बन सकता है। बहुत से मां-बाप ऐसा मान लेते हैं कि बच्चा रो रहा है तो उसे भूख ही लगी होगी। इस वजह से उसे तुरंत दूध की बॉटल थमा देते हैं। मगर, क्या वाकई हर बार भूख (Hunger) ही बच्चे के रोने की वजह होती है।
पीडियाट्रिशन के मुताबिक, नवजात या छोटे बच्चों के रोने के कई कारण हो सकते हैं। अगर हम हर बार दूध देकर उसे चुप कराने की कोशिश करेंगे तो इससे उनकी सेहत और आदतों पर असर पड़ सकता है। इसलिए, जरूरी है कि पहले समझें कि बच्चा क्यों रो रहा है, जिससे उसकी सही जरूरतें पूरी हो सकें।

छोटे बच्चों के रोने के कारण (Baby Crying Reasons)
बच्चे को थकान होना
बच्चे ज्यादा देर तक जागें तो चिड़चिड़े हो जाते हैं और रोने लगते हैं। कई बार उन्हें सिर्फ नींद चाहिए होती है, न कि दूध। इसलिए, उनकी जरूरतों को समझने की जरूरत है।
डायपर गीला होना या स्किन पर रैशेज
गीले डायपर या स्किन पर खुजली होने से भी बच्चा रो सकता है। उसे बेचैनी होती है और वो दूध नहीं, बल्कि साफ-सफाई चाहता है।
गैस या पेट दर्द
शिशुओं (New Borns Babies) में गैस बनना आम बात है। ऐसे में वो दूध पिएंगे भी नहीं और रोते रहेंगे। हल्का पेट मसाज या डॉक्टर (Pediatrician) की सलाह फायदेमंद हो सकती है।
बच्चे को आपका साथ
छोटे बच्चे अक्सर सिर्फ मम्मी-पापा के टच भर से शांत हो जाते हैं। उन्हें बस आपकी गोद या गले लगाने की जरूरत होती है। ऐसे में हर बार उनके रोने को भूख समझना सही नहीं है।
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टेंपरेचर से परेशानी होना
छोटे बच्चे बहुत ज्यादा सेंसेटिव होते हैं। बहुत ज्यादा गर्मी या ठंडक भी उन्हें असहज बना सकती है। इस वजह से भी कभी-कभी वो रोने लगते हैं। ऐसे में तुरंत टेंपरेचर को चेक कर उसे मेंटेन करना चाहिए।
ओवरफीडिंग का खतरा
बच्चे को हर बार रोने पर दूध देना ओवरफीडिंग का कारण बन सकता है, जिससे बच्चे को उल्टी या गैस जैसी दिक्कत हो सकती है। उसे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए पैरेंट्स हर बार बच्चे को दूध न दें। पहले बच्चे की बॉडी लैंग्वेज और बाकी संकेतों को समझें। धीरे-धीरे आप जान जाएंगे कि उसका रोना भूख का है या किसी और जरूरत की वजह से।