शुरुआत में ही पहचान लें Vitiligo, समय पर इलाज से कंट्रोल हो सकती है यह बीमारी

विटिलिगो (Vitiligo) यानी सफेद दाग एक त्वचा संबंधी स्थिति है, जिसमें त्वचा अपने प्राकृतिक रंगद्रव्य (पिगमेंट) को खो देती है। यह तब होता है, जब त्वचा की रंग बनाने वाली कोशिकाएं, जिन्हें मेलेनोसाइट्स कहा जाता है, काम करना बंद कर देती हैं या नष्ट हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर सफेद धब्बे या पैच बन जाते हैं। ये धब्बे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, जिनमें बाल, मुंह और आंखें भी शामिल हैं।
विटिलिगो क्या है? (What is Vitiligo?)
विटिलिगो कोई संक्रमण नहीं है, न ही यह किसी छूने से फैलने वाली बीमारी है। मगर, इसका असर सीधे व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-सम्मान और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। हर साल 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है, जिससे लोगों को इसके बारे में सही जानकारी और समय पर ट्रीटमेंट के लिए प्रेरित किया जा सके। विटिलिगो एक ऑटोइम्यून स्किन कंडीशन है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों पर सफेद दाग पड़ जाते हैं। ये दाग तब बनते हैं, जब स्किन में रंग बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

क्या कहते हैं डॉक्टर?
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि बहुत से मरीज तब आते हैं, जब दाग बहुत फैल चुके होते हैं, जबकि अगर शुरुआत में ही इलाज शुरू कर दिया जाए तो बहुत अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि शुरुआती स्टेज में टॉपिकल क्रीम, विटामिन सप्लीमेंट और फोटोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएं दाग बढ़ने से रोक सकती हैं और रंगत वापस ला सकती हैं।
विटिलिगो के शुरुआती लक्षण (Starting Symptoms of Vitiligo)
त्वचा पर अचानक सफेद या हल्के रंग के धब्बे दिखना
खासकर हाथ, चेहरा, होठों के आसपास या आंखों के कोनों पर
बालों का सफेद होना (बिना उम्र के)
दाग का धीरे-धीरे आकार बढ़ना।
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समय पर इलाज जरूरी क्यों है?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, समय पर इलाज़ से दाग का फैलाव रोका जा सकता है और स्किन की प्राकृतिक रंगत लौटाई जा सकती है। अगर इसका इल्ज़ जल्दी होता है तो मानसिक तनाव, डिप्रेशन और सामाजिक दूरी से बचाव होता है। साथ ही बच्चों और युवाओं में आत्मविश्वास बना रहता है। लेकिन मरीज जितनी देर से आएगा, उसका असर उतना ही सीमित रह जाता है। इसलिए, जागरूकता और जल्दी एक्शन सबसे जरूरी है।