अगर आप भी रोज साड़ी पहनती हैं और पेटीकोट को कसकर बांधती हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, महिलाओं से जुड़े कुछ बहुत ही आम कैंसर में अब एक नया नाम और जुड़ गया है। इसे कहते हैं- पेटीकोट कैंसर (Petticoat Cancer). ये कैंसर पेटीकोट पहनने, उसे टाइट बांधने से होता है। पेटीकोट, साड़ी के भीतर पहना जाने वाला एक कपड़ा है। ये किसी स्कर्ट की तरह होता है।
BMJ केस रिपोर्ट्स नाम के जर्नल में कुछ समय पहले पेटीकोट कैंसर से जुड़ी एक स्टडी छपी थी। इसमें बताया गया कि जब पेटीकोट के नाड़े को कसकर कमर पर बांधा जाता है तब स्किन के नाड़े से लगातार घिसने की वजह से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma) हो सकता है। ये एक तरह का स्किन कैंसर है, जिसे ‘पेटीकोट कैंसर’ भी कहा जाता है। ऐसे में पेटीकोट कैंसर क्या है?, क्यों होता है?, इसके लक्षण क्या हैं? और इससे बचाव व इलाज के तरीके क्या हैं?, इसके बारे में जानना जरूरी है।
क्या है पेटीकोट कैंसर? (What is Petticoat Cancer?)
पेटीकोट कैंसर एक तरह का स्किन कैंसर है, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC) भी कहा जाता है। पेटीकोट कैंसर उन महिलाओं में देखा जा रहा है, जो लंबे समय तक साड़ी पहनकर काम करती हैं। वो साड़ी के अंदर पहने जाने वाले पेटीकोट को बहुत कसकर कमर पर बांधती हैं। इसकी वजह से कमर के आसपास सबसे ज्यादा पसीना इकट्ठा होता है। लगातार पसीने और घिसाव से स्किन में जलन होनी शुरू हो जाती है, जिससे कैंसर समेत अलग-अलग तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
क्यों होता है पेटीकोट कैंसर? (Why does Petticoat Cancer Occur?)
अगर पेटीकोट को बहुत कसकर बांधा जाए तो बार-बार घिसाव की वजह से स्किन में बदलाव आने लगते हैं। कमर की स्किन का रंग बदल जाता है, धीरे-धीरे वहां जख्म बनने लगता है और फिर ये जख्म अल्सर में तब्दील हो जाता है। अगर अल्सर का समय पर इलाज न हो तो उसके कैंसर बनने के चांस रहते हैं।
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पेटीकोट कैंसर के लक्षण (Symptoms of Petticoat Cancer)
पेटीकोट के एरिया में स्किन का रंग बदलना, जैसे- कालापन या लालपन आना।
उस जगह पर बार-बार खुजली और जलन होना।
स्किन में गांठ महसूस होना।
अल्सर या ज़ख्म बनना, जो दवाई लगाने के बाद भी ठीक न हो।
गांठों का आसपास के हिस्सों में फैलना।
उस जगह से लगातार खून आना।
ये सभी लक्षण हों तो पेटीकोट कैंसर होने का चांस होता है।
पेटीकोट कैंसर से बचाव और इलाज (Prevention and Treatment of Petticoat Cancer)
पेटीकोट कैंसर से बचने के लिए बीमारी को पनपने से रोकना सबसे जरूरी है। लिहाजा, आरामदायक कपड़े पहनें। पेटीकोट की गांठ बहुत कसकर न बांधें। सूती कपड़े का इस्तेमाल करें। ये स्किन को बहुत ज़्यादा इरिटेट नहीं करता। अगर वहां बार-बार पसीना आ रहा है, तो उसे तुरंत सुखाएं। बार-बार पसीना पोछें और प्रॉपर हाइजीन बनाए रखें। अपनी स्किन को अच्छे से साफ करें। अगर जरूरत पड़े तो टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें, जिससे स्किन में घिसाव न हो और इस वजह से वहां कोई बदलाव न आए।
सबसे जरूरी है कि अगर कोई अस्वाभाविक बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अगर ये कैंसर होता है तो भी इसका इलाज मुमकिन है। बस आप डॉक्टर के पास जाएं और अपनी जांच कराएं। सर्जरी, कीमोथेरेपी, या रेडिएशन थेरेपी से पेटीकोट कैंसर का इलाज किया जा सकता है।