उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में शुक्रवार यानी 17 मई को इन्टरनेशनल डे अगेंस्ट होमोफोबिया, बाईफोबिया एंड ट्रान्सफोबिया के मद्देनज़र सीएमई प्रोग्राम का आयोजन किया गया। बता दें कीिसुरम्य लाईफ फाउंडेशन और कैनाडा उच्चायोग के सहयोग से आयोजित CME (continuous medical education) में चिकित्सा जगत से जुड़े प्रोफेशनल्स ने शिरकत की। इस CME का विषय था EFFECTIVE PROTECTION OF ALL PERSONS FROM DISCRIMINATION BASED ON SEXUAL ORIENTATION OR GENDER IDENTITY। सीएमई में मनोचिकित्सा विभाग (केजीएमयू), पैरामेडिकल विज्ञान संकाय (केजीएमयू), इन्डियन साइकेट्रिक सोसाइटी (उप्र चेप्टर) तथा निर्वाण अस्पताल (लखनऊ) ने भी अहम भूमिका निभाई।
सीएमई में मुख्य अतिथि के रूप में केजीएमयू वीसी प्रो. डॉ. सोनिया नित्यानंद मौजूद रहीं। इसके साथ ही गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (लखनऊ) के वीसी प्रो. डॉ. अमर पाल सिंह मौजूद रहे। स्पेशल गेस्ट के रूप में भारत स्थित कनाडा उच्चायोग के डिप्टी उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर ने भी सीएमई को अटेंड किया। वहीं, प्रो. डॉ. अमिता जैन, प्रो. डॉ. प्रभात सिठोले, प्रो. डॉ. एससी तिवारी और प्रो. डॉ. विवेक अग्रवाल ने भी सीएमई में अपना समय दिया।
डॉ. अक्सा शेख, डॉ. पारुल प्रसाद, डॉ. सुजाता देव, डॉ. ब्रिजेश मिश्रा, डॉ. मंजरी द्विवेदी, डॉ. पवन गुप्ता, और अंकिता सिंह ने अपने व्याख्यान दिये। CME में हुए पैनल डिस्कशन में डॉ. अक्सा शेख, अनील विश्वास, डॉ. प्रकर्श जैन तथा डॉ. उत्कर्ष बंसल ने प्रतिभाग किया जिसमें अनछुए पहलुओं पर विमर्श हुआ। CME में LGBTQAI समुदाय के लोगों के दर्द को समझना एवं उसके निराकरण के लिए चिकित्सा जगत द्वारा किये जा रहें प्रयासों पर तथा इन प्रयासों में आगे क्या किया जाना जरूरी है आदि मुद्दों पर व्याख्यान और विमर्श हुआ।
आपको बता दें कि LGBTQ समुदाय के व्यक्तियों के प्रति समाज में बहुत सी भ्रान्तियाँ तथा पूर्वाग्रह व्याप्त हैं तथा समाज में उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं मिल पाता है। समाज के बहुत से लोग उन्हें गलत या अलग समझते हैं।