स्वास्थ्य और बीमारियां

KP.2 और KP.1.1 वेरिएंट ने बढ़ाई मुश्किल, भारत में इसका कितना खतरा?

कोरोना पिछले 4 सालों से जाने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों को जब भी इससे राहत महसूस होती है तभी एक और वेरिएंट के तेजी से फैलने की खबर सामने आ जाती है। ऐसे में लोग कोरोना को लेकर चिंता से दूर नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में कोरोना का एक नया वेरिएंट तेजी से बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में कोविड-19 का नया वैरिएंट FLiRT काफी तेजी से फैल रहा है, जो JN.1 की फैमिली का है। इसे KP.2 वेरिएंट नाम दिया गया है। यह वेरिएंट ओमिक्रॉन की तुलना में काफी खतरनाक बताया जा रहा है। यह काफी ज्यादा तेजी से फैलता है वहीं, KP 1.1 वेरिएंट भी काफी तेजी से फैल रहा है। आइए जानते हैं KP.2 और KP.1.1 वेरिएंट क्या है और क्या भारत को डरने की जरूरत है?

कोरोना का KP.2 और KP.1.1 वेरिएंट क्या है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, KP.2 और KP.1.1 दोनों ही कोरोना के SARS-CoV-2 वेरिएंट के ग्रुप JN.1 का वंश है, जिसे ‘FLiRT’ वेरिएंट के नाम से भी जाता जाता है। ये दोनों ही वेरिएंट JN.1 के नए म्यूटेशन हैं, जो ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में काफी ज्यादा संक्रामक बताए जा रहे हैं।

नए वेरिएंट की बढ़ी हुई संक्रामकता के बावजूद, FLiRT संक्रमण से जुड़े लक्षण काफी हद तक पिछले COVID वेरिएंट के समान ही हैं। इन लक्षणों में आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण शामिल होते हैं जैसे शरीर में दर्द, बुखार और कुछ मामलों में पाचन संबंधी समस्याएं।

KP.2 जैसा FLiRT वेरिएंट अमेरिका में काफी तेजी से बढ़ रहा है। पहले के इंन्फेक्शन्स और वैक्सीन से प्रतिरक्षा से बचने की उनकी क्षमता के बारे में चिंताएं सामने आई हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि KP.2 प्रमुख स्ट्रेन बन गया है, जो अप्रैल 2024 में लगभग 25% नए COVID-19 मामलों के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में भारत में भी लोग इस वेरिएंट को लेकर काफी ज्यादा चिंतित हैं।

क्या भारत के लिए खतरनाक है ये वेरिएंट

अमेरिका में flirt वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में भारत के लोग भी इसे लेकर चिंतित हैं। कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका में फैल रहे वेरिएंट को लेकर भारत में चिंता होना सामान्य है। हालांकि, अभी तक इसके कोई मामले सामने नहीं आए हैं।

वहीं, रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोविड-19 वायरस के खिलाफ मरीजों को जो वैक्सीन लगाई गई थी, उसका असर अभी भी है। ऐसे में इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। गंभीर स्थितियों में कोविड-19 की वैक्सीन मरीजों के शरीर में अभी भी प्रभावी है। वैक्सीन में हर्ड इम्युनिटी थी, जिसके जरिए शरीर के अंदर मौजूद कोविड वायरस को तुरंत पहचाना जा सकता है। इससे हमारा शरीर इससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित कर सकती है। ऐसे में आपको इस वेरिएंट को लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं है।

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