Male या Female! निःसंतानता के लिए कौन है ज्यादा जिम्मेदार?

संतान प्राप्ति का सुख किसी भी दंपत्ति के लिए उनके अधूरे जीवन की पूर्ति करने जैसा है। लम्बे समय तक जब कोई भी कपल इस सुख से वंचित रहता है तो धीरे-धीरे उनके आपसी संबंध भी प्रभावित होने लगते हैं और अधिकांश केस में लोग इस समस्या के लिए महिलाओं को दोषी ठहराते हैं।
आयुर्वेद में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा बताती हैं कि निःसंतानता के लिए जितनी जिम्मेदार महिलाएं हैं उतने ही पुरुष भी हैं। यह बात सभी को समझनी चाहिए कि बिना किसी जांच के आप किसी को दोषी करार देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकते। यह एक गंभीर समस्या है और इस कठिन समय में दंपत्ति को दूसरे का साथ देना चाहिए। आजकल तो चिकित्सा विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि इस समस्या का उपचार एलोपैथी, आयुर्वेदिक दोनों में ही उपलब्ध हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो 40% केस में पुरुष, 40% केस में महिलाएं और शेष 20% केस में दोनों समान रूप से जिम्मेदार होते हैं।
निःसंतानता का क्या कारण
इस मामले में सबसे ज्यादा जरूरी है निःसंतानता को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना। पुरुषों में प्रायः यह शुक्राणुओं (स्पर्म) की गुणवत्ता, उसकी संख्या आदि से जुड़ा होता है जिसकी जांच डॉक्टर द्वारा सीमेन के सैम्पल्स से की जाती है। वहीं महिलाओं में इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं जिसे आसानी से पहचाना भी नहीं जा सकता। अधिकांश मामले में महिलाओं में ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या होती है लेकिन उसके अलावा भी PCOD, PCOS, हार्मोनल इम्बैलेंस, एंडोमेट्रिओसिस, फाइब्रॉइड्स, वंशानुगत बीमारी आदि भी निःसंतानता के कारण हो सकते हैं। साथ ही आजकल लोगों की जीवनशैली, डाइट, धूम्रपान की आदत, शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन, स्ट्रेस आदि भी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण बनकर उभरा है।
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निःसंतानता के कारण चाहे जो भी हो, यह किसी भी परिवार के लिए एक चिंता का विषय बन जाता है और परेशान होकर लोग अपनी तरफ से हर टोटके का सहारा ले लेते हैं लेकिन आपको ऐसी परिस्थिति में संयम बनाये रखना चाहिए और अपने विवेक का सही इस्तेमाल करके किसी भी एक्सपर्ट डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।
निःसंतानता का आयुर्वेदिक उपचार
आजकल IVF जैसी तकनीक भी उपलब्ध है लेकिन हो सकता है इसे हर इंसान अफोर्ड न कर सके। इसलिए आप भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से प्रचलित आयुर्वेदिक उपचार पर भी भरोसा कर सकते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ जिनके पास वर्षों का अनुभव होता है और बिना किसी सर्जरी के थेरेपी और डाइट के माध्यम से निःसंतानता का उपचार करते हैं जिसकी सफलता दर 95% तक है। आयुर्वेद में महिला और पुरुष दोनों तरह की निःसंतानता का इलाज किया जाता है। यह एक ऐसी जिम्मेदारी है जिसे महिला और पुरुष को साथ मिलकर ही उठानी होती है। किसी एक के प्रयास से सफलता नहीं मिल सकती है इसलिए इस मुश्किल घड़ी में अपने पार्टनर की शक्ति बने और बेझिझक एक्सपर्ट्स से कंसल्ट करें।