Marburg Virus Outbreak: अभी तक कोविड-19 महामारी से पूरी दुनिया उभर नहीं पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना ने 70 करोड़ से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है। वहीं, वैश्विक स्तर पर मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालिया जानकारियों के मुताबिक भारत में भी इसके अब तक तीन मरीज सामने आए हैं। कोरोना और मंकीपॉक्स के जारी जोखिमों के बीच अब एक नया संक्रामक रोग स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रहा है।
WHO के सामने मारबर्ग वायरस भी एक बड़ी चुनौती | Marburg Virus Outbreak
पूर्वी अफ्रीका के देश रवांडा में इन दिनों मारबर्ग वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। यहां अब तक 26 मामलों की पुष्टि हुई है, साथ ही इससे छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 30 जिलों में से सात में वायरस के मामले सामने आए हैं। 26 लोगों में से बीस मामले गंभीर बने हुए हैं और आइसोलेशन में हैं। संक्रमित लोगों के संपर्क में आए करीब 160 लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है। वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अफ्रीकी देशों में बढ़ते इस खतरे को लेकर अलर्ट किया है।
चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है मारबर्ग वायरस | Marburg Virus Outbreak
मारबर्ग वायरस को कई मामलों में चुनौतीपूर्ण बताया जा रहा है, इसकी मृत्यु दर 88% तक है जो विशेषज्ञों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। ये वायरस इबोला फैमिली का ही माना जा रहा है, जिसके मामले पहले भी रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। कोरोनावायरस की ही तह यह भी चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमित व्यक्तियों के शरीर के द्रव के संपर्क में आने से इसके एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा रहता है। वायरस को रोकने और संक्रमितों में इसकी जटिलताओं को कम करने के लिए प्रयास को लेकर डब्ल्यूएचओ ने सभी से सावधान रहने की अपील की है। विशेषज्ञों ने कहा, नैदानिक देखभाल और संक्रमण की रोकथाम- नियंत्रण पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
WHO ने दी ये बड़ी सलाह | Marburg Virus Outbreak
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस वायरस के लिए अभी तक न तो कोई विशिष्ट उपचार है न ही इसकी रोकथाम के लिए कोई टीका। दवाओं और प्रतिरक्षा उपचार की एक श्रृंखला विकसित की जा रही है। रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उपायों के साथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सोशल डेंस्टेंसिंग का पालन करते रहने की सलाह दी गई है।
बड़े खतरे के तौर पर उभर रहा मारबर्ग वायरस | Marburg Virus Outbreak
मारबर्ग वायरस के कारण होने वाली बीमारी में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और बदन दर्द जैसी दिक्कत होती है। बीमारी बढ़ने के साथ दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, मतली-उल्टी की समस्या होने का भी खतरा रहता है। बीमारी की गंभीर स्थिति में आंखों के धंस जाने और अत्यधिक सुस्ती के साथ त्वचा पर दाने-छाले निकल सकते हैं। अफ्रीकी देशों में डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मात्शिदिसो मोएती ने कहा, हम रवांडा को इस वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद करने के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। लोगों में इस वायरस के संक्रमण को लेकर जागरूकता बढ़ाने से इसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है। जिस गति से ये वायरस अफ्रीकी देशों में बढ़ रहा है, हम इसे बड़े खतरे के तौर पर देख रहे हैं। सभी देशों को इसको लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है।