आजकल स्ट्रेस, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान के कारण हमारे शरीर के अंगों पर कई गंभीर असर पड़ते हैं. जिनमें से एक माइग्रेन भी है, इससे भयंकर सिर दर्द होता है. लेकिन अधिकतर लोग आम सिर दर्द को माइग्रेन समझ लेते हैं या माइग्रेन के दर्द को आम सिर दर्द समझ कर इसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन आपको माइग्रेन के इन पांच मूल कारणों के बारे में पता होना चाहिए, जिससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है, ये आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है.
जेनेटिक
डॉक्टरों का मानना है कि माइग्रेन अक्सर फैमिली हिस्ट्री से जुड़ा हुआ होता है. यदि आपके किसी फैमिली मेंबर को पहले से माइग्रेन की समस्या है, तो यह संभावना है कि आपको भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है.
हार्मोनल चेंज
माइग्रेन के अन्य कारणों में से एक हार्मोनल चेंजेस भी है. खासकर महिलाओं के हार्मोन में पीरियड्स या प्रेगनेंसी की दौरान उतार-चढ़ाव होते हैं, उससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है. दरअसल, शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल में बदलाव होने के कारण माइग्रेन की स्थिति और गंभीर हो सकती है.
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पर्यावरणीय कारक
कई बार पर्यावरणीय कारक भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं. जैसे तेज धूप, टिमटिमाती रोशनी, तेज गंध, तेज आवाज, मौसम में बार-बार बदलाव होना भी माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है.
खाने पीने की हैबिट
कुछ खाद्य पदार्थ और ड्रिंक माइग्रेन को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं. खासकर अल्कोहल, कैफीन, प्रोसेस्ड मीट और मोनोसोडियम युक्त खाद्य पदार्थ और ड्रिंक का सेवन करना माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है. इसके अलावा खाने में बहुत ज्यादा गैप करना या उपवास करना भी माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है.
स्ट्रेस और तनाव
स्ट्रेस और तनाव माइग्रेन को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है. जब आप तनाव, चिंता या डिप्रेशन का शिकार होते हैं, तो आपके दिमाग पर इसका असर पड़ता है और यह माइग्रेन को ट्रिगर करके इसके दर्द को बढ़ा सकता है. इसके लिए आपको माइंडफुलनेस ध्यान, योग, फिजिकल एक्टिविटी और पर्याप्त नींद लेना चाहिए.