विश्व में मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस का खतरा अभी टला नहीं है, लेकिन कुछ हद तक कंट्रोल होने के बाद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों को अलर्ट किया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस अभी भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बना है। एमपॉक्स (Mpox) को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ कांगो को छोड़ दें तो बाकी देशों में कुछ समय से इसके केस कम रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस वायरस को लेकर सावधान रहने को क्यों कहा जा रहा है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में एमपॉक्स के केस न के बराबर ही हैं। हालांकि, कांगों में हर हफ्ते इसके मरीज मिल रहे हैं। इस वायरस का स्ट्रेन भी लगातार बदल रहा है। अब खतरा क्लेड आईबी का है। हालांकि, इसकी वैक्सीन को भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अफ्रीका के कुछ देशों में लगातार आ रहे केस को लेकर डब्यूएचओ ने इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। भारत इसके खतरे से अभी दूर है, लेकिन इसे लेकर सरकार और हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हैं।
क्या है मंकीपॉक्स? (What is Monkeypox?)
एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स एक वायरस है, जो बंदरों से इंसानों में फैला था। इसके बाद इंसानों से इंसानों में फैल रहा है। मंकीपॉक्स की वजह से शरीर में फीवर आता है। इससे शरीर पर दाने निकलने लगते हैं। ये वायरस मुख्य तौर पर शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण (Mokeypox Symptoms)
बुखार
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
थकान
उल्टी-दस्त
त्वचा पर दाने या फुंसियां
मंकीपॉक्स के गंभीर लक्षण (Monkeypox Serious Symptoms)
त्वचा पर गहरे दाने या फुंसियां
आंखों में सूजन
नाक और मुंह से खून निकलना
सांस लेने में कठिनाई
मंकीपॉक्स के कारण (Reason on Monkeypox)
वायरस के संपर्क में आना
संक्रमित जानवरों के संपर्क में आना
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
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मंकीपॉक्स का इलाज (Monkeypox Treatment)
लक्षणों के आधार पर इलाज
आराम और विश्राम
पेनकिलर्स दवाएं
बुखार कम करने के लिए दवाएं
त्वचा के दानों और फुंसियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स
मंकीपॉक्स की रोकथाम
वैक्सीनेशन
संक्रमित जानवरों से दूर रहें
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं
वायरस के संपर्क में आने से पहले सावधानी बरतना।