New Born Baby Care Tips: नवजात शिशुओं की देखभाल में बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। आपकी एक छोटी सी गलती भी बच्चे के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। नवजात शिशु बहुत नाजुक होता है, न तो उसकी हड्डियां मजबूत हुई होती हैं और न ही उसके शरीर का कोई भी अंग अभी मजबूत होता है। बच्चे की रीढ़ की हड्डी की बात करें, तो वह भी काफी कमजोर होती है।
मां-बाप या बेबी की देखभाल कर रहे लोगों की कुछ गलतियों की वजह से शिशु की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंच सकता है। आप बेबी की स्पाइन को किस तरह हैंडल करते हैं, ये बहुत महत्व रखता है। लखनऊ के पीडियाट्रिशियन डॉक्टर तरुण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए बताया है कि किन गलतियों की वजह से बच्चे के स्पाइन को नुकसान पहुंच सकता है।
बच्चों को गोद में लेकर तुरंत करें ये काम | Baby Care Tips
बच्चे को बार-बार गोद में उठाते हैं लेकिन गोद में लेने पर उसकी कमर को सीधा नहीं रखते हैं या उसे सपोर्ट नहीं देते हैं, तो ऐसा करना गलत है। बच्चे को कर्ल्ड या स्लाउच्ड पोजीशन में न पकड़ें। इससे उसकी रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ सकता है। बच्चे को नॉर्मल सरफेस पर लिटाएं ताकि उसके स्पाइन को सपोर्ट मिल सके। जन्म लेने के बाद शुरुआती कुछ महीनों में शिशु की गर्दन की मांसपेशियां अभी भी विकसित हो रही होती हैं। आप जब भी बच्चे को उठाएं, तो उसके सिर और गर्दन को सपोर्ट दें। इससे बच्चे की रीढ़ की हड्डी पर दबाव नहीं पड़ेगा। नवजात शिशु को जब भी गोद में उठाते हैं, तो उसके सिर को सपोर्ट जरूर दें। उसके सिर के पीछे हाथ लगाकर ही उसे उठाएं।
बच्चे को हर समय स्वैडल कर के रखने की जरूरत नहीं | Baby Care Tips
बहुत ज्यादा टाइट स्वैडल करना खासतौर पर पैरों के आसपास के हिस्से को टाइट से स्वैडल करने पर बच्चा कम मूव कर पाता है और इससे उसकी स्पाइनल अलाइनमेंट पर असर पड़ता है। बच्चे के पैरों को फ्री रखें ताकि वो मूव कर सके। बच्चे को हर समय स्वैडल कर के रखने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से आपके बच्चे की मोटर स्किल्स की डेवलपमेंट पर असर पड़ सकता है। डॉक्टर ने कहा कि कई पेरेंट्स अपने तीन महीने के बच्चे को ही बिठाना शुरू कर देते हैं जो कि गलत है।
बच्चा 6 महीने के होने के बाद बैठना शुरू करता है। इसलिए इस उम्र के बाद ही बच्चे को बिठाने की कोशिश करें। यदि आप इससे कम उम्र के शिशु को बिठाते हैं, तो इससे उसकी स्पाइन पर दबाव पड़ सकता है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि शिशु की गर्दन के नीचे तकिया नहीं लगाना चाहिए। तीन महीने के होने से पहले बच्चे की गर्दन की मांसपेशियां विकसित नहीं हुई होती हैं और तकिया लगाने से उसकी गर्दन की मांसपेशियां डैमेज हो सकती हैं। इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान होने का खतरा रहता है।