हमारे बच्चों के लिए नई उम्मीदें – एक Occupational Therapist की नज़र से


Occupational Therapist (व्यावसायिक चिकित्सक)
The Hope Rehabilitation and Learning Centre – Jankipuram Branch, Lucknow
प्रिय माता-पिता और अभिभावकों,
नमस्कार!
मैं अंजलि शाह, Occupational Therapist के तौर पर The Hope Rehabilitation and Learning Centre – जानकीपुरम में कार्यरत हूँ। मैं हर दिन कई बच्चों के साथ काम करती हूँ जिन्हें बोलने में देरी, ऑटिज़्म, ध्यान की कमी (ADHD), या व्यवहार से जुड़ी दिक्कतें होती हैं। इस पत्र के माध्यम से मैं आपसे दिल से बात करना चाहती हूँ — ताकि आप जान सकें कि आप अकेले नहीं हैं। सही समय पर सही इलाज और सहयोग मिलने पर, हर बच्चा आगे बढ़ सकता है।
ऑटिज़्म क्या है? – आसान भाषा में
ऑटिज़्म एक न्यूरो-डिवेलपमेंटल स्थिति है। इसका मतलब यह है कि बच्चे का दिमाग थोड़ा अलग तरह से काम करता है। यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और महसूस करने का अलग तरीका है।
ऑटिज़्म में कुछ सामान्य बातें होती हैं:
- दूसरों से आँख मिलाकर बात न करना
- अपनी बात बोलने में दिक्कत
- बार-बार एक जैसा व्यवहार करना
- तेज़ आवाज़, रोशनी या स्पर्श से परेशानी होना
हर बच्चा अलग होता है — कुछ में लक्षण हल्के होते हैं, कुछ में थोड़े गहरे।

आप अकेले नहीं हैं – जानिए आँकड़े
- भारत में लगभग 1 करोड़ बच्चे ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम पर हैं (Indian Academy of Pediatrics, 2023)
- हर 100 में से 1 से 2 बच्चे ऑटिज़्म से प्रभावित हैं (WHO, 2022)
- 80% से ज़्यादा बच्चे थेरेपी से बेहतर सुधार दिखाते हैं (Journal of Child Psychology & Psychiatry, 2021)
आम सवाल और हमारे जवाब
- क्या मेरा बच्चा कभी बोल पाएगा?
- हां। थोड़ा समय और सही थेरेपी से ज़्यादातर बच्चे धीरे-धीरे बोलना शुरू करते हैं।
हमारे सेंटर में हम इन तरीकों से काम करते हैं:
- PECS (तस्वीरों के ज़रिए संचार)
- AAC डिवाइस (जैसे टेबलेट या बटन वाला कम्युनिकेशन टूल)
- स्पीच और बिहेवियर थेरेपी साथ मिलाकर
उदाहरण:
- 5 साल का अर्नव जब हमारे पास आया, तब वह बिल्कुल नहीं बोलता था। 6 महीने बाद उसने “पानी” और “मम्मा” जैसे शब्द खुद बोलने शुरू किए।

क्या मेरा बच्चा स्कूल जा सकेगा?
बिलकुल। अगर सही समय पर तैयारी की जाए तो बच्चे रेगुलर स्कूल भी जा सकते हैं।
हम मदद करते हैं:
- स्कूल से बातचीत कर एक प्लान बनाना
- ज़रूरत पर शैडो टीचर की सुविधा
- स्कूल जाने लायक स्किल्स सिखाना
उदाहरण:
- 4 साल की तनिशा अब रेगुलर स्कूल जाती हैं और क्लास में बाकी बच्चों के साथ भाग लेती हैं।
मेरे बच्चे को बार–बार मेल्टडाउन (बहुत ज़्यादा गुस्सा/रोना) क्यों होता है?
मेल्टडाउन आमतौर पर तब होते हैं जब बच्चा अपनी बात नहीं कह पाता, बहुत शोर या भीड़ से परेशान होता है, या उसे समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है।
हम सिखाते हैं:
- सेंसरी डाइट (बच्चे को आराम देने वाले एक्सरसाइज़)
- घर में ‘क्वायट कॉर्नर’ बनाना
- विज़ुअल टाइम टेबल
उदाहरण:
- अमन को तेज़ आवाज़ और भीड़ में बहुत गुस्सा आता था। हमने घर में ‘क्वायट कॉर्नर’ और आराम देने वाली गतिविधियाँ बताईं। अब वो खुद से वहां चला जाता है।

Occupational Therapy कैसे मदद करती है?
सेंसरी प्रोसेसिंग
- 80% से ज़्यादा ऑटिज़्म वाले बच्चों को आवाज़, रोशनी या स्पर्श से दिक्कत होती है।
- हम उन्हें सिखाते हैं कैसे धीरे-धीरे इन चीज़ों को सहन करना और समझना है।
हमारा काम:
- ब्रशिंग और डीप प्रेशर एक्टिविटीज़
- जंपिंग, बॉल पिट, सेंसरी स्विंग
- बच्चे की जरूरत के हिसाब से सेंसरी डाइट
दैनिक जीवन के काम (ADL)
बच्चे को हम सिखाते हैं:
- खुद कपड़े पहनना
- शौचालय इस्तेमाल करना
- ब्रश करना, खाना खाना
- दुकान पर चीज़ खरीदना या भीड़ में रहना
पेंसिल पकड़ना और मोटर स्किल्स
70% बच्चों को हाथ और शरीर के संतुलन में दिक्कत होती है।
हम सिखाते हैं:
- पेंसिल पकड़ना
- लाइन के अंदर लिखना
- संतुलन, दौड़ना, चढ़ना-उतरना
- मसल्स मज़बूत करने की एक्सरसाइज़
सामाजिक स्किल्स और खेल
हम सिखाते हैं:
- आँखों में देखकर बात करना
- इमोशन पहचानना (खुश, नाराज़, डर)
- बारी-बारी से खेलना, टीम वर्क करना
जल्दी शुरू करें – तभी फर्क आएगा
- 3 साल से पहले शुरू की गई थेरेपी से IQ स्कोर 15-25 अंक तक बढ़ सकता है
- भाषा विकास 2 गुना तेज़ हो सकता है
- स्कूल में शामिल होने का चांस 40% तक बढ़ता है
हमारा सेंटर – The Hope Rehabilitation and Learning Centre
हमारा मकसद है – हर बच्चे को आगे बढ़ने का मौका देना।

हमारी खासियत:
- हर बच्चे के लिए अलग योजना
- हमारी टीम में – Occupational Therapist, Speech Therapist, Special Educator, Psychologist
- पेरेंट ट्रेनिंग – ताकि आप घर पर भी मदद कर सकें
- आधुनिक सेंसरी लैब – स्विंग, बॉल पूल, प्रेशर थेरेपी टूल्स
परिणाम जो नज़र आते हैं
- 85% बच्चों में 6 महीने में बोलने में सुधार
- 78% में गुस्सा और चिड़चिड़ापन कम हुआ
- 90% माता-पिता ने बताया कि बच्चा ज़्यादा खुश और मिलनसार हुआ
एक माँ की गवाही
“जब हमें हमारे बेटे अर्नव का ऑटिज़्म का पता चला, तो मैं बहुत घबरा गई थी। लेकिन अंजलि मैम ने हमें उम्मीद दी। अब अर्नव आँखों में आँखें डालकर बात करता है, कुछ शब्द भी बोलता है। और सबसे बड़ी बात — अब हम समझते हैं कि उसे कैसे सपोर्ट करें।”
— रेखा, अर्नव की माँ
आपकी अगली शुरुआत
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे में कुछ देरी हो रही है — बोलने में, ध्यान देने में, व्यवहार में — तो रुकिए मत। ये कुछ कदम उठाइए:
- फ्री काउंसलिंग के लिए कॉल करें
- हर शनिवार 10 बजे हमारा पैरेंट सपोर्ट ग्रुप जॉइन करें
- हमारी मासिक वर्कशॉप में हिस्सा लें (सेंसरी, बिहेवियर, ADL आदि पर)
संपर्क करें
The Hope Rehabilitation and Learning Centre
न्यूरोडायवर्स बच्चों के लिए समर्पित केंद्र
जानकीपुरम विस्तार, लखनऊ
मोबाइल: 9044500099
ईमेल: info@thehoperehab.in
वेबसाइट: www.thehoperehab.in

याद रखिए हर बच्चा खास होता है। और जब उसे सही समय पर सही मदद मिलती है, तो वो न केवल आगे बढ़ता है, बल्कि उड़ान भरता है। हम इस यात्रा में आपके साथ हैं।
