Nomophobia: मोबाइल से नहीं रह पाते हैं दूर? हो सकता है ‘नोमोफोबिया’ का खतरा

Drawback of Mobile Addiction: मोबाइल फोन आज के समय हर किसी के लिए एक जरूरी उपकरण बन चुका है। इस डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। देखा जाए स्मार्टफोन के एल्गोरिदम को ऐसा डिजाइन किया जा रहा है कि फोन की आदत लगना बहुत आम बात हो गई है। लेकिन अगर आप अपने फोन से कुछ मिनट भी दूर नहीं रह पाते और इसे न देख पाने पर बेचैनी, चिंता या घबराहट महसूस करते हैं, तो यह ‘नोमोफोबिया’ का लक्षण हो सकता है।
नोमोफोबिया, को और सरल करके कहें तो ‘नो मोबाइल फोन फोबिया’, एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को फोन न होने या उससे कनेक्शन टूटने का डर सताता है। नोमोफोबिया से परेशान लोगों को यह समझना जरूरी है कि यह सिर्फ एक लत नहीं, बल्कि एक वास्तविक मानसिक स्थिति है। यहाँ हम नोमोफोबिया के संकेतों के बारे में जानेंगे, इसके कारणों को समझेंगे और इसमें सुधार लाने के कुछ आसान उपायों के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं।
नोमोफोबिया के लक्षणों में शामिल हैं | Drawback of Mobile Addiction
- -फोन न होने पर चिड़चिड़ापन, बेचैनी या घबराहट।
- -बार-बार फोन चेक करना, भले ही कोई नोटिफिकेशन न हो।
- -बैटरी खत्म होने या नेटवर्क न मिलने पर तनाव होना।
- -सोते समय फोन को पास रखने की आदत।
- -काम पर ध्यान न दे पाना।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह स्थिति मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और तनाव, चिंता, डिप्रेशन या नींद की कमी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है।

नोमोफोबिया के कारण| Drawback of Mobile Addiction
- -नोमोफोबिया के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारणों के बारे में हम बताने जा रहे हैं-
- -सोशल मीडिया पर लगातार अपडेट्स, लाइक्स और कमेंट्स की चाह नोमोफोबिया को बढ़ाती है।
- -पढ़ाई, काम, बैंकिंग और सामाजिक संपर्क के लिए फोन पर अत्यधिक निर्भरता इस डर को जन्म देती है।
- -हर समय दोस्तों या सहकर्मियों से जुड़े रहने का दबाव नोमोफोबिया को बढ़ावा देता है।
- -अकेलेपन से बचने के लिए लोग फोन का सहारा लेते हैं, जो धीरे-धीरे लत में बदल जाता है।

बचाव के उपाय | Drawback of Mobile Addiction
- -नोमोफोबिया को कंट्रोल करने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं-
- -फोन के उपयोग के लिए समय निर्धारित करें। सोशल मीडिया के लिए रोजाना 1-2 घंटे की सीमा बनाएं। फोन में स्क्रीन टाइम ट्रेक करें और नोटिफिकेशन बंद रखें।
- -सप्ताह में एक दिन या कुछ घंटे फोन से पूरी तरह दूर रहें। इस समय किताब पढ़ें, सैर करें या परिवार के साथ समय बिताएं। फोन को साइलेंट मोड पर रखें और दूसरी गतिविधियों में व्यस्त रहें।
- -माइंडफुलनेस और मेडिटेशन तनाव को कम करते हैं और फोन की लत को नियंत्रित करते हैं। रोजाना 10 मिनट गहरी सांस लें या ध्यान का अभ्यास करें। यह मन को शांत रखता है।
- -दोस्तों और परिवार के साथ आमने-सामने बातचीत बढ़ाएं। यह अकेलेपन को कम करता है और फोन की जरूरत को घटाता है। सप्ताह में एक बार दोस्तों से मिलें और फोन कॉल की जगह व्यक्तिगत मुलाकात को प्राथमिकता दें।
- -अगर नोमोफोबिया के लक्षण गंभीर हों, जैसे चिंता या डिप्रेशन, तो मनोवैज्ञानिक से सलाह लें। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) इस स्थिति में प्रभावी है।
