मासिक धर्म के दौरान क्रैंप होना आम समस्या है. यह ऐंठन और दर्द पीरियड शुरू होने से एक दिन पहले से लेकर शुरू होने के दो दिन बाद तक अनुभव हो सकता है. इस दर्द की वजह से ना केवल महिलाओं के लिए उठना बैठना या सामान्य काम करना मुश्किल भरा हो जाता है, साथ ही यह मेंटल हेल्थ को भी काफी प्रभावित करता है. ऐसे में महिलाएं दर्द और क्रैंप को कंट्रोल करने के लिए ओवर द काउंटर पेन किलर का इस्तेमाल कर लेती हैं. इससे कुछ देर के लिए दर्द से राहत तो मिल जाता है लेकिन क्या यह लॉन्ग टर्म के लिए महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.
पीरियड क्रैंप होने की वजह
एनएचएस के मुताबिक, दरअसल मासिक धर्म में दर्द तब होता है जब मासिक धर्म के दौरान एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस बढ़ जाता है. गर्भाशय के अंदर और आसपास फाइब्रॉएड की मात्रा बढ़ जाती है, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में संक्रमण जैसी समस्या हो जाती है या कई बार इंट्रायूट्रिन डिवाइस यानी आईयूडी भी मासिक धर्म में दर्द का कारण बन सकता है. खासकर अगर इसे 3 से 6 महीने पहले ही लगवाया गया है.
पीरियड क्रैंप का इलाज
अगर आपके पीरियड के दौरान असहनीय दर्द महसूस हो रहा है तो सबसे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें. आप इससे बचने के लिए नेप्रोक्सेन, फ्लर्बिप्रोफेन या मेफेनैमिक एसिड जैसी एंटी इंफ्लोट्री दवाओं का सेवन कर सकती हैं. ये दवाइयां बिना डॉक्टरों की सलाह नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए कोई भी दवा बिना डॉक्टरों की सलाह न लें. हालांकि अगर आप गर्भनिरोधक जैसे गोलियां ले रही हैं या इंप्लांट या इंजेक्शन आदि करा रही हैं तो ये गर्भाशय की परत को पतला करते हैं, जिससे आपके दर्द में भी आराम हो सकता है. इसके बावजूद भी दर्द हो रहा है तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास तुरंत जाना चाहिए.
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आपके मासिक धर्म में दर्द का कारण क्या है, इसका पता लगाने के लिए आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसे परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है. इस टेस्ट की मदद से परेशानी का सही पता चलेगा और इलाज करने में मदद मिल सकेगी. यही नहीं, सही मेडिटेशन के लिए भी यह टेस्ट जरूरी होता है.
पीरियड क्रैंप में काम करते हैं ये घरेलू उपाय
- डाइट में एंटी इंफ्लामेटरी गुण से भरपूर चीजों जैसे टमाटर, बेरीज, पाइनएप्पल, अदरक आदि को शामिल करें.
- विटामिन डी, विटामिन ई, ओ आपके मासिक धर्म में दर्द का कारण क्या है, इसका पता लगाने के लिए आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन जैसे परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है. इस टेस्ट की मदद से परेशानी का सही पता चलेगा और इलाज करने में मदद मिल सकेगी. यही नहीं, सही मेडिटेशन के लिए भी यह टेस्ट जरूरी होता है.
मेगा 3 आदि को डाइट में शामिल करें.
- एंडोरफिन हार्मोन को बढ़ाने के लिए व्यायाम आदि रेग्युलर करें. ये मसल्स को रिलैक्स करने का काम करता है.
- भरपूर पानी या जूस आदि का सेवन करें.