आजकल ‘रेडी टू ईट फूड’ का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है. इसमें बिना ज्यादा मेहनत किए खाना तैयार हो जाता है. इसका टेस्ट लाजवाब होता है, इसलिए ज्यादा पसंद भी किया जाता है. लेकिन ज्यादातर भारतीय इस खाने से परहेज करते हैं. उन्हें बाहर जाकर रेस्तरां-होटल में खाना तो पसंद है लेकिन रेडी टू ईट फूड नहीं.
इसका सबसे बड़ा कारण है कि पैकेज्ड फूड्स में कई प्रिजरवेटिव्स मिलाए जाते हैं, जो नुकसानदायक होते हैं, जबकि होटल-रेस्तरां में खाना तुरंत तैयार होता है. रेडी टू ईट फूड का सेहत पर गंभीर नुकसान भी होता है. तो आपके लिए ये जान लेना बहुत जरूरी है कि क्यों ज्यादातर भारतीय इस तरह के खाने से बचते हैं…
रेडी टू ईट फूड से होने वाले नुकसान
प्रिजरवेटिव्स का इस्तेमाल
रेडी टू ईट फूड में प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल कलर्स और फ्लेवर्स का जमकर इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. इन फूड्स की सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए नमक का भी ज्यादा उपयोग किया जाता है. ऐसे में इन्हें खाने से शरीर में सोडियम बढ़ जाता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क कई गुना तक बढ़ जाता है.
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जीरो पोषण
रेडी टू ईट फूड खाने से टेस्ट तो मिल जाता है है लेकिन इसमें पोषण जीरो होता है. इस तरह के खाने में फाइबर, विटामिंन और मिनरल्स की कमी होती है. इन प्रिजरवेटिव्स फूड्स को खाने से शरीर में कैलोरी जमा हो जाती है और कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.
कैलोरी इंटेक
रेडी टू ईट फूड खाने से शरीर में कैलोरी इंटेक बढ़ सकती है. जिससे मोटापा और क्रोनिक बीमारियां बढ़ सकती हैं. इसकी वजह से डाइजेस्टिव दिक्कतें भी आ सकती हैं. इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए.
महंगे होते हैं
रेडी टू ईट फूड के पैकेट्स घर पर बने खाने की तुलना में काफी महंगे होते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इन्हें खाने से बचते हैं. बहुत से घरों में इसे मंगाने से पररेज किया जाता है, कुछ लोग पैकेजिंग की वजह से भी इसे सेहत के लिए हानिकारक मानते हैं.