बदलते वर्क कल्चर के चलते खाने की आदतों में बदलाव दिनों दिन बढ़ रहा है। घर पर बनने वाले नाश्ते की जगह जहां ओट्स और चिया सीड्स ने ले ली है, तो वहीं वर्किंग कपल्स एक वक्त खाना पकाकर उसे 2 से 3 बार गर्म करके खाते रहते हैं। इसके अलावा कुछ लोग एक बार खाना बनने के बाद उसे कई दिनों तक कंज्यूम करते हैं। इससे स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ने लगती है और मन में यही सवाल उठता है कि क्या ये सही है। एक्सपर्ट से जानते हैं कि कैसे फ्रीजिंग फूड की न्यूट्रिशनल वैल्यू बदल जाती है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि ताज़े खाने और फ्रीजिंग फूड के स्वाद में बदलाव महसूस किया जाता है। साथ ही उसके पोषण मूल्य में भी चेंजेस देखने को मिलते हैं। इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि खाना बनाने के बाद अगर आप उसे 2 से 3 दिन के लिए फ्रीज कर रही हैं, तो उसे गर्म करने से पहले रूम टेम्परेचर पर लेकर आएं। इससे खाने के पोषक मूल्यों को बनाए रखने में मदद मिलती है। फ्रिज में से निकालकर ठंडे खाने को गर्म करने से उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू में बदलाव आने लगते हैं और स्वाद में भी परिवर्तन आता है।
खाने को स्टोर करने का तरीका उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू को प्रभावित करने लगता है। खाना गर्म करने में बरती गई सावधानी से आहार के पोषण मूल्यों को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। यूएसडीए के अनुसार खाने को गर्म करने के लिए बॉइनिंग की तुलना में स्टीमिंग एक बेहतर विकल्प है। दरअसल खाद्य पदार्थ को उबालने से उसके विटामिन पानी में घुल जाते हैं, जिससे पोषण मूल्य कम होने लगता है।
खाने को रेफ्रिरेशन और दोबारा गर्म क्यों नहीं करना चाहिए
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि बाज़ार से लाकर सब्जियों को काटने से लेकर बनाने तक 20 से 25 फीसदी न्यूट्रिशनल वैल्यू लॉस हो जाती है। उसके बाद उन्हें फ्रीज करने पर खाने में माइक्रो ऑरगेनिज़्म की ग्रोथ होने का खतरा बढ़ जाता है। जब खाना फ्रिज में रखा जाता है, तो उसे गर्म करने के बावजूद कई बार ठंडा रह जाता है। इससे माइक्रो ऑरगेनिज़्म पेट में जाकर फूड पॉइज़निंग का कारण बनने लगते हैं। बार-बार खाने को गर्म करने से पोषण मूल्य घटने के अलावा उसके टैक्सचर, कलर और स्वाद में फर्क हो जाता है।
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खाने को स्टोर करते समय इन बातों का रखें ख्याल
एयरटाइट जार का करें प्रयोग
पोषक तत्वों की मात्रा को बनाए रखने के लिए एयर टाइट जार में खाने को स्टोर करें। बिना ढ़के खाने को स्टोर करने से हार्मफुल गैसिस खाने के स्वाद से लेकर उसके पोषण को कम करने लगती है। इससे पाचन संबधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ने लगता है।
ठंडे खाने को गर्म करने से बचें
एकदम खाने को रेफ्रिजरेटर से निकालने के बाद माइक्रोवेव में रखने से उसके पोषक तत्व नष्ट होने लगते हैं। इसके लिए आहार को फ्रिज से निकालने के बाद कुछ देर सामान्य होने के लिए छोड़ दें। उसके बाद उसे गर्म करें। खाने को बहुत अधिक गर्म करना भी नुकसानदायक साबित होता है।
फ्रोजन फलों और सब्जियों को धोएं
एक्सपर्ट के अनुसार, खाने को खराब होने से बचाने के लिए अक्सर फ्रिज में स्टोर किया जाता है। पके हुए खाने के अलावा बाज़ार से खरीदकर लाई गईं सब्जियां और फलों को फ्रीज़ करने से पहले उस पर दी गई सभी जानकारियों को पढ़ें। उसके बाद फ्रीज़ करें। इसके अलावा उन्हें इस्तेमाल में लाने से पहले 10 से 15 मिनट तक पानी में भिगोकर रखें।
फ्रिज की साफ-सफाई का ख्याल रखें
कच्चे या पके हुए खाने को स्टोर करने से पहले फ्रिज की सफाई का विशेष ख्याल रखें। फ्रिज में मौजूद फंगस और बैक्टीरिया खाने को प्रभावित करने लगते हैं जिससे फूड पॉइज़निंग का खतरा बना रहता है। इसके अलावा पेट में दर्द की समस्या बनी रहती है।
कच्चे फलों और सब्जियों को डीप फ्रीज़ करने से पहले रखें इन बातों का ख्याल
यूएसडीए के अनुसार, किसी भी खाद्य पदार्थ के पोषण को बनाए रखने के लिए उसे 0 डिग्री पर स्टोर करे। इससे बैक्टीरिया पनपने का खतरा नहीं रहता है। खाद्य पदार्थों को किसी भी प्रकार के सूक्ष्म जीवों से बचाने के लिए ओवर रैपिंग करें। इससे खाने की क्वालिटी मेंटेन रहती है और उसके गलने या खराब होने का खतरा कम हो जाता है।