शारीरिक और मानसिक फिट रहने के लिए नींद अच्छी आना बेहद जरूरी है। नींद न आने की समस्या कई तरह की बीमारियों की वजह बनती है। कई तरह की बीमारियां आपके शरीर को घेर लेती है। साथ ही अगर आप समय से सोते और उठते नहीं हैं। इस बीच भारत की टेली मानस मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन (Tele Manas Mental Health Helpline) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस हेल्पलाइन में मिली शिकायतों में नींद ना आने की समस्या सबसे ऊपर है यानी अधिकतर भारतीय रात में नींद ना आने की समस्या से परेशान हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
अक्टूबर, 2022 में टेली मानस मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी। इस हेल्पलाइन में देशभर के 3.5 लाख से ज्यादा भारतीयों के कॉल आए हैं। हाल ही में 10 अक्टूबर को सरकार ने टेली मानस पर रिपोर्ट का आकलन किया, जिसमें सामने आया कि नींद ना आने की समस्या से अधिक फीसदी लोग परेशान हैं। वहीं, मनोदशा का उदास होने से 14%, तनाव से 11% और चिंता से 4% लोग परेशान है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि कुल शिकायतों में से कम से कम तीन फीसदी लोग आत्महत्या संबंधित मामलों से जूझ रहे हैं। हालांकि, नींद ना आने की समस्या में शिकायत तो टॉप पर है। बता दें कि टेली मानस मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन पर अधिकांश कॉल पुरुषों के पहुंचे, जो 56 प्रतिशत है और 18 से 45 वर्ष की उम्र के 72% लोगों ने कॉल किया।
क्यों डिस्टर्ब होती है नींद?
बदलते वक्त के साथ लोगों में अवसाद, चिंता और तनाव बढ़ा है, जिसके चलते लोगों में नींद ना आने की परेशानी बढ़ी है। इसके साथ-साथ असंतुलित लाइफस्टाइल, देर रात तक मोबाइल या टीवी देखना और काम के अनियमित घंटों ने भी नींद में अच्छा खासा खलल डाला है। इसी का नतीजा है कि ज्यादातर लोग पूरी नींद ना आने या नींद की कमी की शिकायत करते रहते हैं।
किस उम्र में कितने घंटे की नींद जरूरी?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि 16 साल से 17 साल तक के बच्चों को दिन में कम के कम 13 घंटे सोना चाहिए। वहीं, 20 से 55 साल के लोगों को एक दिन में कम से कम 7 घंटे जरूर सोना चाहिए। अगर आप 50 साल के अधिक की उम्र के हैं तो आपको 6 घंटे सोना चाहिए। देखा जाए तो नींद दिन भर के काम के बाद आपके शरीर को आराम देती है। ये एक स्पा की तरह है, जो शरीर को रिफॉर्म करने के साथ साथ अगले दिन के लिए भरपूर एनर्जी भी देती है। इससे कार्यक्षमता और दिमागी विकास होता है। सोते समय दिमाग में जो कैमिकल प्रोसेस होती है, उससे दिमागी क्षमता बढ़ती है और बढ़ती उम्र के नकारात्मक प्रभाव को रोकने में मदद मिलती है।
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नींद की कमी से क्या होता है?
नींद की कमी ना केवल आपको कई बीमारियों के रिस्क में डाल देती है, बल्कि इससे बुढ़ापा भी जल्दी आता है और आपके जीवन के घंटे भी कम हो जाते हैं। नींद पूरी नहीं लेने वाले लोगों के शरीर के सभी अंग सही से काम नहीं कर पाते, चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां आने लगती है और मानसिक तनाव के साथ साथ काम करने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि नींद की कमी से मानसिक रोगों के साथ-साथ कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक, ह्रदय संबंधी बीमारी और यहां तक कि डायबिटीज होने का भी खतरा बढ़ जाता है। नींद का साइकिल बिगड़ने से शरीर के मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है और व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है।