Slip Disc: स्लिप डिस्क की शिकायत से हैं परेशान, जानिए क्या है इसका समाधान

Know More About Slip Disc: आजकल कमर दर्द और पीठ दर्द की शिकायत आम हो गई है, फिर चाहे कोई युवा हो या बुजुर्ग। कमर दर्द किसी न किसी रूप से परेशान कर ही रहा है। इस दर्द को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। यह दर्द न केवल शारीरिक असुविधा पैदा करता है, बल्कि दिनचर्या को भी प्रभावित करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे स्लिप डिस्क जैसी गंभीर वजह भी हो सकती है।
स्लिप्ड डिस्क के चिकित्सा की भाषा में ‘हर्निएटेड डिस्क’ भी कहा जाता है। यह तब होती है, जब रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद कुशननुमा डिस्क अपने स्थान से खिसक जाती है। यह डिस्क एक नरम, जेली जैसी संरचना होती है, जो हड्डियों को आपस में रगड़ने से बचाती है और गतिशीलता प्रदान करती है। जब यह डिस्क फट जाती है या अपनी जगह से खिसक जाती है तो पास की नसों पर दबाव डालती है, जिस कारण तेज दर्द, सुन्नता और कमजोरी कमर से लेकर पैर तक महसूस होती है।
आपकी रोजमर्रा की आदतों से जुड़े हैं स्लिप डिस्क के कारण | Know More About Slip Disc
डिस्क स्लिप के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ आपकी रोजमर्रा की आदतों से जुड़े हैं, जिसमें सबसे बड़ा कारण है गलत तरीके से बैठना या झुकना। इसके अलावा भारी सामान उठाना, खासकर गलत ढंग से, डिस्क पर अतिरिक्त दबाव डालता है। बढ़ती उम्र भी एक अहम वजह है, क्योंकि उम्र के साथ डिस्क का लचीलापन कम होने लगता है। मोटापा, व्यायाम की कमी और कभी-कभी अचानक लगने वाली चोट भी स्लिप डिस्क का कारण बन सकती है।
सही लक्षणों को पहचानना जरूरी | Know More About Slip Disc
कमर और पीठ दर्द स्लिप डिस्क से जुड़ा है या नहीं, इसके लिए सही लक्षणों को पहचानना होगा। इसमें सबसे आम लक्षण है लगातार तेज दर्द, जो कमर से शुरू होकर पैरों तक होता है। इसे सायटिका भी कहते हैं। इसके अलावा कई लोगों में सुन्नता, झनझनाहट या मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस हो सकती है। साथ ही बैठने, खड़े होने या चलने में तकलीफ हो और लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो फौरन डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। स्लिप डिस्क का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है, जो शारीरिक गतिविधियों को कम महत्व देते हैं या घंटों तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं, जैसे कि आईटी प्रोफेशनल्स, ड्राइवर और ऑफिस कर्मचारी। इसके अलावा भारी वजन उठाने वाले मजदूरों या एथलीट्स में भी यह समस्या देखी जाती है।

बचाव के उपाय | Know More About Slip Disc
स्लिप डिस्क से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाने जरूरी हैं, जिनमें सबसे पहले सही तरीके से बैठने की आदत डालें। कुर्सी पर बैठते वक्त पीठ को सीधा रखें और हर 30-40 मिनट में थोड़ा टहल लें। भारी सामान उठाते समय कमर के बजाय घुटनों पर दबाव डालें। नियमित व्यायाम, योग और स्ट्रेचिंग, रीढ़ को मजबूत करने में मदद करेंगे। अगर दर्द बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
पेट से भी जुड़ा है मामला | Know More About Slip Disc
स्लिप डिस्क की परेशानी मुख्य सिटिंग प्रोफेशन, एथलीट्स और कब्ज से परेशान लोगों को होती है। इसके लक्षण किसी-किसी स्थिति में बहुत तीव्र तो कई बार सामान्य होते हैं, जिसके आधार पर ही उपचार किया जाता है। इसमें सबसे पहले दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी की सलाह भी दी जाती है, जो बेहद लाभकारी है। इसमें विशेष रूप से बैक एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग और मजबूती बढ़ाने वाले व्यायाम शामिल होते हैं। परेशानी से बचने के लिए सही मुद्रा में बैठें, दर्द की स्थिति में भारी वस्तुएं उठाने से बचें और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, ताकि कब्ज की परेशानी न हो।
