Blood Cancer का पहला लक्षण ऐसा होता है, Medicine लेकर हजारों लोग बन जाते हैं अनजान

ब्लड कैंसर (Blood Cancer) आपकी ब्लड कोशिकाओं को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा ब्लड कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक हैं। एमपीएन और एमडीएस नाम के प्रकार हैं। ब्लड कैंसर की कोशिकाओं के अंदर डीएनए में चेंजेज होने लगते हैं। इसके कारण अलग ही तरह के रिएक्ट करना शुरू कर देती है। यूके में हर साल करीब 40 हजार लोगों का ब्लड कैंसर का इलाज होता है। वहीं, करीब 2 लाख 80 हजार लोग ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं।
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण
38 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा बुखार जो बिना किसी कारण के हो रक्त कैंसर का लक्षण हो सकता है। ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण ठंड लगना, थकान, कमजोरी हड्डियों और जोड़ों में दर्द, वजन घटना, लिम्फ नोड्स, लिवर या प्लीहा में सूजन, बिना किसी कारण के चोट लगना या खून बहना, बिना किसी कारण के त्वचा पर दाने या खुजली होना, सांस लेने में तकलीफ और रात में भीगना जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं।

किस वजह से हो सकता है ब्लड कैंसर?
ब्लड कैंसर जेनेटिक, बढ़ती उम्र, स्मोकिंग, कीमोथैरिपी या एड्स की वजह से हो सकती है। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड कैंसर का रिस्क कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्लड कैंसर, किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके तीन प्रकार हैं- लिम्फोमा, ल्यूकेमिया और माइलोमा। अधिकतर मामलों में ब्लड कैंसर अनुवांशिक कारणों से होता है, लेकिन ब्लड कैंसर दुर्लभ नहीं है। अगर समय पर इसकी पहचान की जाए तो इसका इलाज संभव हो सकता है।
बीमारी के सर्वाइकल रेट में हुआ इजाफा
ल्यूकेमिया को लगभग हमेशा घातक माना जाता था, लेकिन कीमोथेरेपी, नए टार्गेटेड ट्रीटमेंट,बोन मैरो ट्रांसप्लांट और यहां तक कि CAR-T सेल थेरेपी के जरिये इस बीमारी के सर्वाइवल रेट में इजाफा हुआ है। सही समय पर निदान और इलाज से रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी तकनीकें मददगार साबित होती हैं।
केवल कीमोथेरेपी ही है इलाज
कीमोथेरेपी एक मुख्य उपचार है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट। डॉक्टर रोगी की स्थिति और कैंसर के प्रकार के आधार पर इलाज का चुनाव करते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हर तरह का ब्लड कैंसर जानलेवा नहीं होता है। कुछ मरीजों में तब तक इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है, जब तक उनमें कैंसर के लक्षण नजर न आए। आमतौर पर ब्लड कैंसर के लक्षण में थकान, अचानक से वजन कम होना और हिमोग्लोबिन या प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
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हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ब्लड कैंसर के लक्षणों की सही समय पर पहचान हो जाए तो मरीज ठीक हो सकता है। हर व्यक्ति के इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स अलग-अलग हो सकते हैं और डॉक्टर इन्हें कम करने के लिए कई उपाय करते हैं। आजकल के आधुनिक इलाज के कारण साइड इफेक्ट्स को प्रबंधित करने के बेहतर तरीके उपलब्ध हैं। ब्लड कैंसर के कई प्रकार होते हैं और हर प्रकार की गंभीरता अलग होती है। आजकल, शुरुआती चरण में एडवांस ट्रीटमेंट के चलते कई रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं या लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं।