घुटनों के दर्द से युवा व बुजुर्ग दोनों परेशान रहते हैं। युवाओं में यह बीमारी चोट लगने, गठिया की वजह से होती है और बुजुर्गों में उम्र बढऩे के साथ। सही जीवनशैली अपनाने और समय पर इलाज से राहत मिल जाती है। यह कहना है कृष्णा अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डा. का। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वाले सुधी पाठकों को घुटने में दर्द के कारण, लक्षण, निदान, उपचार व बचाव के बारे में परामर्श दिया।
बीमारी के लक्षण
- चलने में दिक्कत
- दैनिक कार्य प्रभावित होना
- सीढ़ी नहीं चढ़ पाना
- उकड़ू तरीके से न बैठ पाना
- घुटने मोडऩे में दर्द
- घुटनों से आवाज आना
यह है उपचार
डा. बताते हैं, घुटनों के दर्द यानी आस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआत लक्षणों पर फिजियोथेरीपी, वजन कम करने, जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। इससे राहत न मिलने पर दवाइयां दी जाती है। फिर भी राहत न मिलने पर इंजेक्शन यानी पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज्मा) दिया जाता है।
जब बीमारी जटिल हो जाती है तो आपरेशन की सलाह दी जाती है। आपरेशन से 95 प्रतिशत मरीज को लाभ मिलता है। आपरेशन को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं पालना चाहिए।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीक
- पलथी मारकर न बैठें
- अधिक सीढ़ी न चढ़ें
- नियमित जांच कराएं
- दर्द बढऩे पर डाक्टर से परामर्श लें
इन बातों का रखें ध्यान
- नियमित व्यायाम करें
- आलू, चावल, चीनी कम लें
- अतिरिक्त कैलोरी वाली चीजें न लें
- वजन कम करने पर ध्यान दें
- कैल्सियम युक्त भोजन लें
- एक घंटे सुबह की धूप में रहें
- मडुवा जैसे अनाज इस्तेमाल करें