Cancer के खतरे को कम कर सकती हैं ये पांच चीजें, बिना देरी के अपना लें

World Cancer Day 2025: दुनियाभर में हर साल कैंसर (Cancer) से लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। पिछले कुछ सालों में कैसर तेजी से बढ़ने वाली खतरनाक बीमारी बन गया है, जिसका कारण जीवनशैली में बदलाव और बढ़ती आबादी को माना जा रहा है। भारत में कैंसर के प्रति जागरुकता में कमी, देरी से पता चलना और इलाज मिलना, सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण कैंसर बड़ी चुनौती बना हुआ है।
हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर में कैंसर के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। इस साल विश्व कैंसर दिवस 2025 (World Cancer Day 2025) की थीम, ‘यूनाइटेड बाय यूनिक’ रखी गई है। इसमें कैंसर के खिलाफ जंग जीतने की लोगों की यूनिक स्टोरीज को जानने की कोशिश की जाएगी। कैंसर के खिलाफ लड़ाई में किसी को भी पीछे नहीं रहना चाहिए, क्योंकि तभी कैंसर से जंग जीती जा सकती है।

भारत में इन कैंसर के मामले ज्यादा
भारत में सबसे ज्यादा माउथ कैंसर, सर्विकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आते हैं। इसका कारण तम्बाकू का उपयोग, अनहेल्दी खाना, फिजिकल एक्टिविटी में कमी और एचपीवी जैसे इंफेक्शन हैं। हालांकि लोगों के बीच कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाकर, समय पर टीकाकरण और नियमित जांच से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कैंसर से कैसे बचें?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में फैलने वाले करीब 50% कैंसर को रोका जा सकता है। इसके लिए कुछ आदतों को छोड़ने और कुछ आदतों को बदलने की जरूरत है। सबसे पहले तम्बाकू का किसी भी तरह से सेवन बंद कर दें। दूसरी चीज हेल्दी खाना खाएं, तीसरी चीज एचपीवी और हेपेटाइटिस टीकाकरण जरूर करवाएं, चौथी चीज नियमित जांच कराएं और पांचवी चीज कैंसर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता फैलाएं। इससे कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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कैंसर को फैलने से कैसे रोकें?
कैंसर की समय पर जांच कराने से और जल्दी पता लगने से प्रीकैंसर या शुरुआती स्टेज पर ही कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे लाइफ बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में मौत की बड़ी वजह है। जबकि सर्वाइकल कैंसर को टीकाकरण और स्क्रीनिंग के जरिए काफी हद तक रोका जा सकता है। लेकिन भारत में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग कवरेज बेहद कम है। इसलिए कैंसर की जंग को जीतने के लिए जागरुकता फैलाना सबसे ज्यादा जरूरी है।