Thyroid: थायराइड के मरीजों में क्या होती है आयोडीन की भूमिका, क्या सेंधा नमक खा सकते हैं?


Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain: थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, श्वास नली के चारों ओर होती है। इसका मुख्य कार्य थायराइड हार्मोन (T3 और T4) का उत्पादन करना है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, हृदय गति और तापमान को नियंत्रित करते हैं। इन हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन नामक खनिज अत्यंत आवश्यक होता है। आयोडीन थायराइड हार्मोन्स के स्राव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसके बिना थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर सकती। अगर शरीर में आयोडीन की कमी होती है, तो ग्रंथि इन हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाती, जिससे हाइपोथायरायडिज्म नामक स्थिति उत्पन्न होती है। इससे थकान, वजन बढ़ना और अवसाद जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए थायराइड के मरीजों के लिए यह समझना जरूरी है कि आयोडीन का सेवन कितना और किस रूप में करना चाहिए। आइए इसी के बारे में जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि क्या थायराइड के मरीज सेंधा नमक खा सकते हैं।
आयोडीन की भूमिका और थायराइड रोग | Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain
आयोडीन थायराइड ग्रंथि के लिए कच्चे माल के रूप में काम करता है। यह थायराइड हार्मोन (T4 और T3) के अणु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयोडीन की कमी होने पर थायराइड ग्रंथि फूल जाती है, जिसे घेंघा रोग कहते हैं। भारत में आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक को अनिवार्य किया गया है। हालांकि थायराइड के मरीजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे न तो ज्यादा आयोडीन ले रहे हैं और न ही बहुत कम, क्योंकि अत्यधिक सेवन से भी थायराइड की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
क्या थायराइड के मरीज सेंधा नमक खा सकते हैं? | Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain
आमतौर पर सेंधा नमक या हिमालयन पिंक सॉल्ट में आयोडीन नहीं होता या बहुत कम मात्रा में होता है। थायराइड के मरीज, खासकर हाइपोथायरायडिज्म वाले, अक्सर सेंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने की गलती करते हैं। यदि आप आयोडीन की कमी वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो केवल सेंधा नमक पर निर्भर रहना आपकी थायराइड की स्थिति को बिगाड़ सकता है। आयोडीन की जरूरत को पूरा करने के लिए, मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर आयोडीन युक्त नमक का संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

हाइपोथायरायडिज्म और आयोडीन सेवन | Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain
हाइपोथायरायडिज्म (आयोडीन की कमी के कारण) के मरीजों को डॉक्टर अक्सर आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह देते हैं। वहीं हाइपरथायरायडिज्म (अत्यधिक हार्मोन बनना) या ऑटोइम्यून थायराइड रोग (जैसे हाशिमोटो या ग्रेव्स रोग) के मरीजों को डॉक्टर आयोडीन सेवन को सीमित करने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि कुछ मामलों में ज्यादा आयोडीन एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इसलिए किसी भी प्रकार का नमक या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लेना अनिवार्य है।
आयोडीन के अन्य स्रोत | Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain
सिर्फ नमक पर निर्भर रहने के बजाय, आप आयोडीन के अन्य प्राकृतिक स्रोतों को शामिल कर सकते हैं। समुद्री शैवाल, मछली, और डेयरी उत्पाद आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। थायराइड के मरीजों को अपनी डाइट में सेलेनियम और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे मेवे और बीज) भी शामिल करने चाहिए, क्योंकि ये पोषक तत्व थायराइड हार्मोन के उत्पादन और रूपांतरण में मदद करते हैं।





