क्या है Reverse Walking? इसके फायदे जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking), पीछे की ओर कदम बढ़ाने की एक आसान सा प्रोसेस है। अपनी मेमोरी को बढ़ाने और अपने घुटनों को मजबूत करने के लिए रिवर्स वॉकिंग काफी ज्यादा जरूरी है। इसके कई सारे फायदे हैं। साथ ही यह फिटनेस को बनाए रखने के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है। हालांकि, यह अजीब लग सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कम प्रभाव वाला व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है।
रिवर्स वॉकिंग, जोड़ों के तनाव को कम कर सकता है और यहां तक कि आपके दिमाग को भी तेज कर सकता है। चाहे आप किसी चोट से उबर रहे हों, अपने वर्कआउट को और बेहतर बनाना चाहते हों या संतुलन में सुधार करना चाहते हों, रिवर्स वॉकिंग अपने आप में एक नया तरीका है।

रिवर्स वॉकिंग के फायदे (Benefits of Reverse Walking)
रिवर्स वॉकिंग या रेट्रो वॉकिंग में ट्रेडमिल, ट्रैक या खुली जगह पर पीछे की ओर चलना शामिल है। इसमें सीधा चलने के विपरीत इसमें रिवर्स डायरेक्शन में चलना होता है। यह आपकी मांसपेशियों और जोड़ों के काम करने के तरीके को बदल देता है, जिससे आपको शानदार शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि रिवर्स वॉकिंग घुटने के जोड़ों के दबाव को कम करती है, खासकर उन लोगों के लिए जो दौड़ते हैं। बैठते हैं या जिनके घुटने में दर्द रहता है। यह एक छोटी सी तरकीब है, जो शरीर और दिमाग दोनों के लिए बड़े फायदे देती है।

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इनके लिए भी होता है फायदेमंद
पीछे की ओर चलने से वजन का वितरण बदलता है, जिससे घुटने के जोड़ों पर तनाव कम होता है। यह धावकों या जिम जाने वालों के लिए आदर्श है, जो अपने घुटनों पर अधिक भार डालते हैं।
पीछे की ओर चलने से आपके पैरों के पिछले हिस्से में कम इस्तेमाल की जाने वाली मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, जिससे मुद्रा और चलने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
घुटने के दर्द या सर्जरी के बाद के मरीज़ सुरक्षित रूप से ताकत हासिल करने के लिए रिवर्स वॉकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पीछे की ओर चलते समय सतर्क रहने की ज़रूरत आपके दिमाग को तेज़ी से प्रतिक्रिया करने के लिए प्रशिक्षित करती है, जिससे उम्र से संबंधित गिरावट का जोखिम कम हो सकता है।