World Heart Day 2025: UTI से बढ़ा सकता है Heart Attack का खतरा, हुआ चौंकाने वाला खुलासा

UTI And Heart Attack Risk: हृदय रोगों की समस्या, हार्ट अटैक के मामले हाल के वर्षों में काफी तेजी से बढ़े हैं। उम्रदराज लोगों के अलावा अब कम उम्र वाले भी इसका शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से हमारी दिनचर्या गड़बड़ होती जा रही है, हृदय स्वास्थ्य की समस्याएं अब काफी आम हो गई हैं। खान-पान में गड़बड़ी, व्यायाम की कमी, दिन का अधिकतर समय बैठे-बैठे बिता देना हृदय रोगों का प्रमुख कारण माना जाता है। जिसपर सभी उम्र के लोगों को ध्यान देते रहना जरूरी है।
अध्ययनों से पता चलता है कि कई स्थितियां ऐसी हैं जो हार्ट अटैक को ट्रिगर करने वाली हो सकती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और वायु प्रदूषण उनमें प्रमुख हैं। पर एक हालिया शोध में विशेषज्ञों की टीम ने बताया है कि दुनियाभर में लाखों लोगों को होने वाले कुछ आम वायरल संक्रमण जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) और फ्लू भी हार्ट अटैक की समस्या को ट्रिगर करने वाले हो सकते हैं।
हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और बेहतर खानपान, व्यायाम जैसे उपायों के बारे में जागरूक कर लोगों के हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (विश्व हृदय दिवस) मनाया जाता है। हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए इन संक्रमणों को लेकर भी सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।यूटीआई और फ्लू किस प्रकार से हार्ट अटैक को बढ़ावा देते हैं, आइए इस बारे में समझते हैं।
पहले यूटीआई संक्रमण और हार्ट अटैक के बारे में जान लीजिए | UTI And Heart Attack Risk
यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन महिलाओं में अधिक देखी जाती रही है। इसके पीछे मुख्य वजह है उनकी शरीर की बनावट। महिलाओं की यूरिनरी ट्रैक्ट छोटी होती है जिससे बैक्टीरिया जल्दी अंदर पहुंच जाते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था, डायबिटीज, कमजोर इम्यून सिस्टम, ज्यादा देर तक पेशाब रोकना, असुरक्षित यौन संबंध, हार्मोन में बदलाव जैसी स्थितियां भी यूटीआई का जोखिम बढ़ाती हैं। लेकिन केवल महिलाएं ही नहीं कुछ पुरुषों को भी इसका खतरा हो सकता है।
वहीं दूसरी तरफ दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसमें हृदय को रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। आमतौर पर ये रक्त के थक्के बनने के कारण होती है। हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु का प्रमुख कारण है, जो हर साल अनुमानित 17.9 मिलियन (1.79 करोड़) लोगों की जान ले लेता है। लंबे समय से यही माना जाता रहा है कि कोरोनरी हृदय रोग के साथ-साथ धूम्रपान जैसे कई परिवर्तनशील जीवनशैली कारक दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाते हैं। पर अब विशेषज्ञों ने बताया है कि यूटीआई और फ्लू के कारण भी इसका खतरा हो सकता है।
यूटीआई और हार्ट अटैक के बीच कनेक्शन | UTI And Heart Attack Risk
इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने बताया कि धमनियों में वसायुक्त पदार्थ जैसे कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण हृदय को रक्त की आपूर्ति बाधित होती है। यही कोलेस्ट्रॉल यूटीआई और फ्लू जैसी वायरस को आश्रय दे सकता है जो शरीर में वर्षों तक निष्क्रिय बने रह सकते हैं। फिनलैंड और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, समय के साथ ये जीवाणु हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और एंटीबायोटिक दवाओं से अपनी रक्षा के लिए एक सुरक्षात्मक बायोफिल्म बना लेते हैं। लेकिन जैसे ही आप बीमार होते है या फिर से कोई वायरल संक्रमण (जैसे कि यूटीआई) होता है तो ये वायरस बायोफिल्म को सक्रिय कर सकता है, जिससे बैक्टीरिया का प्रसार होता है और इंफ्लेमेशन की समस्या बढ़ जाती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? | UTI And Heart Attack Risk
वैज्ञानिकों ने बताया कि हाई इंफ्लेमेशन की स्थिति में हृदय में प्लाक के टूटने का खतरा बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से घातक रक्त का थक्का बनने लगता है जो हार्ट अटैक को बढ़ा देता है। फिनलैंड के टैम्पियर विश्वविद्यालय में जैविक विज्ञान के विशेषज्ञ और अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर पेक्का करहुनेन कहते हैं, कोरोनरी आर्टरी डिजीज में बैक्टीरिया की भागीदारी पर लंबे समय से संदेह किया जाता रहा है, लेकिन प्रत्यक्ष और ठोस सबूतों का अभाव रहा है। इस अध्ययन में बहुत कुछ स्पष्ट होता है।
पहले के भी अध्ययनों में जताई गई थी चिंता | UTI And Heart Attack Risk
इससे पहले जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में साल 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने निमोनिया और यूटीआई जैसे वायरल संक्रमणों और हृदय रोगों के बीच एक मजबूत संबंध पाया था। शोधकर्ताओं ने 1,300 से अधिक ऐसे प्रतिभागियों पर शोध किया था जिन्हें दिल का दौरा या अन्य प्रकार की कोरोनरी घटनाओं का सामना करना पड़ा था। इसमें पाया गया कि लगभग 37 प्रतिशत हृदय रोगियों को पिछले तीन महीनों में किसी न किसी प्रकार का संक्रमण हुआ था। अध्ययन में यूटीआई सबसे आम प्रकार का संक्रमण बताया गया था।