World Sepsis Day 2024: हर साल लाखों लोगों की हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से मौत हो जाती है। सेप्सिस (Sepsis) भी ऐसी ही समस्या है, जो हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए चिंता बढ़ा रही है। सेप्सिस एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमण के प्रति आपके शरीर की प्रतिक्रिया की वजह से होती है। वैसे तो प्रतिरक्षा प्रणाली हमें कई बीमारियों और संक्रमणों से बचाती रहती है, लेकिन संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया में इसके ज्यादा एक्टिव होने की भी आशंका रहती है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, हर साल सेप्सिस के करीब 1.7 मिलियन (17 लाख से ज्यादा) मामले सामने आते हैं। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में करीब 270,000 लोगों की मौत हो जाती है। सेप्सिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लक्ष्य से हर साल 13 सितंबर को विश्व सेप्सिस दिवस (World Sepsis Day) मनाया जाता है।
सेप्सिस के बारे में (About Sepsis)
आपके शरीर में सेप्सिस तब होता है, जब कोई मौजूदा संक्रमण आपके शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को ज्यादा ट्रिगर कर देता है। जब हमें कोई संक्रमण होता है तो प्रतिरक्षा प्रणाली उससे लड़ने के लिए प्रोटीन और अन्य रसायन रिलीज करके प्रतिक्रिया करती है। जब यह प्रतिक्रिया नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो ऐसी स्थिति में सेप्सिस हो सकता है। बैक्टीरिया के संक्रमण सेप्सिस का प्रमुख कारण माने जाते हैं। हालांकि, अन्य संक्रमण जैसे- कोविड-19, फंगल संक्रमण और इन्फ्लूएंजा में भी सेप्सिस का जोखिम रहता है।
सेप्सिस से समस्याएं (Sepsis Problems)
सेप्सिस की वजह से बुखार, हृदय गति बढ़ने और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि, ध्यान देना जरूरी है कि यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तुरंत चिकित्सा उपचार की जरूरत होती है। गंभीर स्थितियों में सेप्सिस के कारण सेप्टिक शॉक हो सकता है, जिसे जानलेवा माना जाता है। सेप्टिक शॉक के कारण रक्तचाप में गिरावट, अंगों के फेल होने का खतरा और कई अन्य प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की वजह से भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाली बीमारियों के शिकार लोगों में इसका खतरा अधिक देखा जा रहा है।
सेप्सिस के लक्षण (Sepsis Symptoms)
सेप्सिस के लक्षणों में आपको बुखार और ठंड लगने, भ्रम की स्थिति होने, सांस लेने में कठिनाई, हृदय गति तेज होने या लो ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन) और पसीना आने जैसी दिक्कतें होती हैं।
शरीर में गंभीर स्थितियों में लक्षण और बिगड़ सकते हैं।
त्वचा का नीला पड़ना, खास तौर पर होंठ, उंगलियां, पैर की उंगलियां।
शरीर के तापमान में गिरावट के कारण ठंड लगना।
पेशाब कम होना-चक्कर आना।
प्लेटलेट काउंट कम होना (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया)
बेहोशी जैसी स्थिति।
सेप्सिस से कैसे बचें? (Precautions to Sepsis)
आप संक्रमण से बचाव करके सेप्सिस के जोखिमों को कम कर सकते हैं।
कोविड-19, निमोनिया, फ्लू और अन्य सामान्य संक्रमणों के लिए टीका लगवाएं।
सोशल डिस्टेंसिंग कई संक्रामक रोगों से बचाव में मददगार है।
मास्क पहनें, मास्क आपको और दूसरों को श्वसन संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। इसका मतलब है घाव की उचित देखभाल, हाथ धोते रहना आदि।
सेप्सिस के इलाज के लिए हर मिनट मायने रखता है। जितनी जल्दी आप इलाज करवाएंगे, परिणाम उतना ही बेहतर होगा।
यदि सेप्सिस के कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।