लाइफस्टाइल को लेकर लोग काफी सजग होते हैं लेकिन ऑफिस की दौड़भाग भरी जिंदगी और घर में बिजी होने के कारण लापरवाही अर्ली एजिंग का कारण बनने लगता है। अभिनेत्रियों को देखकर आप भी उनकी तरह फिट और खूबसूरत दिखना चाहती हैं। मगर कुछ लाइफस्टाइल में होने वाली कुछ गलतियां आपके उस सपने को पूरा नहीं होने देती हैं। बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कोलेजन की कमी हो जाती है जिससे एज काफी ज्यादा मालूम पड़ने लगती है। मगर हम आपको बतायेंगे कुछ हेल्दी टिप्स जो आपकी एजिंग को आसानी से रिवर्स कर सकते हैं।
1. एक्सरसाइज़ से करें दिन की शुरूआत
कोलंबिया की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसोरी हेल्थ केयर के अनुसार शरीर को हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़, तनाव और मसल्स पेन के जोखिम को कम करने के लिए एक्सरसाइज़ अवश्य करें। इसके लिए सप्ताह में 150 मिनट मॉडरेट एक्सरसाइज़ या 75 मिनट हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ करना फायदेमंद रहता है। इसके अलावा दिनभर में की गई 30 मिनट की एक्सरसाइज़ हार्ट हेल्थ को मज़बूत बनाती है। साथ ही बॉडी के पोश्चर में सुधार आने लगता है। जो एजिंग से बचाने में मददबार साबित होता है।
2. पर्याप्त नींद लें
रात में सात से आठ घंटे की नींद आपको दिनभर तरोताज़ा रखने में मददगार साबित होती है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार नींद पूरी न होने के कारण खर्राटों और दवाओं की आवश्यकता बढ़ने लगती है। इससे व्यक्ति एसिड रिफ्लक्स, फोक्स की कमी और तनाव का शिकार होने लगता हैं। तन और मन दोनों को रिलैक्स रखने के लिए भरपूर मात्रा में नींद लेना ज़रूरी है। ऐसे में एक शांत स्थान पर नींद लें और खुद को हेल्दी बनाए रखें।
3. सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें
एजिंग को रिवर्स करने के लिए त्वचा ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार त्वचा के संपर्क में आने से बचना ज़रूरी है। इसके लिए चेहरे को कवर करने के अलावा लंबी आस्तीन के कपड़े, हैट और यूवी सुरक्षा के साथ धूप का चश्मा पहनना न भूलें। इसके अलावा ब्रॉड स्पेक्ट्रम एसपीएफ 30 सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। जो वॉटर रेजिस्टेंट हो। इसके अलावा अल्ट्रा वायलेट प्रोटेक्शन फैक्टर यानि यूपीएफ लेबल वाले कपड़े पहनने का प्रयास करें।
4. हेल्दी डाइट लें
अमेरिकन अकेडमी और डर्माटोलॉजी के अनुसार प्रीमेच्योर स्किन एजिंग से बचने के लिए ताजे फल और सब्जियां खाना फायदेमंद साबित होने लगता है। अगर आप डाइट में अत्यधिक चीनी या कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेने लगते हैं। तो वो अर्ली एजिंग का कारण बनने लगता है। इसके अलावा वे लोग नियमित तौर पर अल्कोहल का सेवन करते हैं।
उन्हें निर्जलीकरण की समस्या से जूझना पड़ता है। रेड मीट को भी ज्यादा मात्रा में डाइट में शामिल करने से बचें। दूसरी ओर लो कैलोरी युक्त सब्जियां गट माइक्रोबायोम के लिए बेहतर होती हैं। साथ ही दालें और नट्स विशेष रूप से प्लाट बेस्ड प्रोटीन के गुड सोर्स हैं। जो शरीर को अर्ली एजिंग के प्रभावों से मुक्त रखते हैं।
5. सकारात्मक रहें
यूनिवर्सिटी ऑफ मिसोरी हेल्थ केयर के अनुसार वे लोग जो हमेशा पॉजिटिव रहते हैं। वे न केवल लंबे समय तक जीवित रहते हैं बल्कि मुश्किल स्थिति में भी बेहतर परिणाम की 40 फीसदी संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में थैंकफुल्नेस और हैप्पीनेस आपके सोशल सर्कल को बिल्ड करने में भी मदद करता है। सकारात्मक सोच के साथ आप तनाव, डिप्रेशन और डिमेंशिया की समस्या से बच सकते हैं। जो अर्ली एजिंग का कारण साबित होने लगते हैं।
अर्ली एजिंग का जोखिम ऐसे होगा कम
बैड इटिंग हैब्टिस से लेकर वर्कआउट की कमी शरीर में अर्ली एजिंग के जोखिम को बढ़ा देती है। इससे आपके चेहरे पर फाइन लाइंस और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी इस समस्या का मुख्य कारण साबित होने लगती है। ऐसे में लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाना ज़रूरी है। मील में मौसमी फलों और सब्जियों के अलावा लो कैलोरी फूड को एड करें। जो आपके शरीर को कई बीमारियों के जोखिम से भी बचाता है। इसके अलावा स्किन प्रोटेक्शन भी ज़रूरी है।