आजकल की लाइफस्टाइल और खराब खान-पान की वजह से कम उम्र में ही लोग कई सारी बीमारियों से जूझने लगते हैं। कम उम्र के लोग एंग्जायटी, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, डायबिटीज और ओबेसिटी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। आजकल की खराब लाइफस्टाइल दिमाग पर बुरा असर डालती है। यही कारण है कि लोगों काफी गुस्सा, चिड़चिड़ापन के शिकार हो रहे हैं। गुस्सा आना पूरी तरह से नैचुरल है, लेकिन कुछ लोग इतने ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं कि उनके चेहरे के साथ-साथ हाथ-पैर पर गुस्सा का असर दिखता है।
गुस्सा में कांपने क्यों लगता है हाथ? (Why do hands start trembling when angry?)
कभी जब आपने ऐसे आदमी को देखा होगा, जो गुस्से में कांप रहा है तो आपके मन में भी ख्याल आया होगा कि आखिर ये आदमी गुस्से में कांप क्यों रहा है? ऐसा भी हो सकता है कि वह आदमी खुद भी इस समस्या से काफी ज्यादा परेशान है, लेकिन इसके पीछे की वजह इमोशन और मेडिकली जुड़ाव हो सकता है। दरअसल, हमेशा यह होता है कि जब कोई व्यक्ति दिमाग में कोई छोटी सी बात भी बैठा ले कि वह हर वक्त उसी के बारे में सोचता रहता है।
इसके कारण ऐसे व्यक्ति में हार्मोन नॉर्मल से ज्यादा होने लगता है। यह हार्मोन्स हाई बीपी, स्ट्रेस और दूसरी तरह की बीमारियों को बढ़ा सकता है। शरीर में हार्मोनल बदलाव होने से शरीर का बैलेंस बिगड़ने लगता है और इस वजह से हाथ या पैर में कंपन शुरू हो जाता है। जैसे ही टेंशन या स्ट्रेस कम होता है, अपने आप हाथ-पैर नॉर्मल होने लगता है।
क्या कहती हैं रिसर्च?
कई रिसर्च में यह बात साफ हो चुकी है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों अधिक गुस्सेबाज होते हैं। गुस्सा होने पर बॉडी एड्रलीन नामक जहरीला टॉक्सिन निकलकर पूरे बॉडी में फैलता है। इससे कई बीमारियां पैदा होती हैं, जो पूरी बॉडी में फैल जाता है। इससे कई बीमारियां हो जाती हैं। पुरुष अक्सर गुस्सा जाहिर नहीं करते हैं, इससे भी परेशानी बढ़ती है। लोगों को गुस्सा करने से बचना चाहिए। लंबे समय तक गुस्से में रहने वाले लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा हार्ट डिसीज होने का खतरा अधिक होता है।
ऐसे में क्या करें?
स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करने के लिए कुछ नैचपरल तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए कुछ घरेलू उपाय किए जा सकते हैं, इनमें रोज योगा कर सकते हैं। योगा में अनुलोम विलोम, प्राणायाम, कपाल भाति समेत अन्य योगा शामिल हैं। यदि योग नहीं आता है तो किसी योगगुरु के संपर्क में आकर ही योग करना सीखें। इससे स्ट्रैस हार्मोन का लेवल नियंत्रित रहेगा। योग करने से ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल अधिक हो जाता है। स्ट्रैस हार्मोन कम निकलता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि गुस्सा अधिक आने की समस्या है तो गहरी सांस लेनी चाहिए। इसके अलावा धीमी सांस अंदर बाहर खींचते हुए 10 से 1 तक उल्टी गिनती गिननी चाहिए। परेशानी बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।