जब आपको लगे कि आप बार-बार मोबाइल देख रहे हैं तो समझ जाइये कि आप फोमो के शिकार हो गये हैं। ऐसे में तुरंत अपने मोबाइल से दूरी बना लें। यदि आप कहीं बाहर हैं या परिवार के बीच हैं तो अपना ध्यान दोस्तों/सहकर्मियों एवं परिवार के सदस्यों की बातों में लगाने का प्रयास करें। जब आपका ध्यान किसी दूसरी जगह केंद्रित होगा तो आप इस तनाव की स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। वहीं यदि आप अकेले हैं और फोमो का दबाव बढ़ने लगे तो अपनी रुचि वाले काम करना शुरू कर दें। इस तरह खुद को व्यस्त रखने एवं सोशल मीडिया से दूरी बनाकर आप फोमो को हावी होने से रोक सकते हैं।
2017 के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 21% व्यक्तियों ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर छुट्टियों के अपडेट सिर्फ इसलिए पोस्ट करते हैं ताकि वे दिखावा कर सकें। अन्य 10% दूसरों को ईर्ष्या महसूस कराने के लिए ऐसा करते हैं। आश्चर्य की बात नहीं, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 73% लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें छुट्टियों के पोस्ट कष्टप्रद लगते हैं। फिर भी, हम पोस्ट करना और संलग्न रहना जारी रखते हैं।
बच्चे भी शिकार
एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 23 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे सोने से पहले बिस्तर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। सोशल मीडिया मे लाइक और कमेंट ढूँढने वाले बच्चे (फोमो) फीवर ऑफ मिसिंग आउट का शिकार हो रहें है।
फोमो को हावी होने से कैसे रोकें
ध्यान और मेडिटेशन करें
मन को एकाग्र करके ही आप फोमो से दूर रह सकते हैं। जब भी आपके मन में यहां-वहां के विचार आएं तो दोबारा अपनी सांस को केंद्रित करने की कोशिश करें। रोजाना दो मिनट से इसकी शुरुआत करें और धीरे-धीरे अवधि को बढ़ाएं। निरंतर अभ्यास से आपको मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे। इसके साथ ही अपनी दिनचर्या में नियमित योग और व्यायाम को शामिल करें। मोबाइल से दूरी बनाने के लिए कुछ देर ताजा हवा लेने के लिए प्रकृति के बीच समय बिताएं। इससे आपको पॉजिटिविटी मिलेगी। इस तरह नियमित ध्यान, एक्सरसाइज और मेडिटेशन से आपको अवसाद और चिंता की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।
हर अवसर का आनंद लें
जीवन में खुशियां मनाने के लिए आपको किसी विशेष दिवस का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, बल्कि हर दिन छोटे-छोटे अवसरों का आनंद लें। रोजाना उन लोगों से कुछ देर बात अवश्य करें, जो आपमें पॉजिटिविटी बढ़ाते हों। इससे मानसिक संतुष्टि मिलेगी और तनाव भी कम होगा। साथ ही अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में तालमेल बैठाएं। रोजाना के टास्क तय करें और उन्हें प्राथमिकता के अनुसार निपटाएं।
Also Read – क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक और कैसे करें इसकी पहचान?
शुरुआत एक दिन ऑफलाइन होने से
सोशल मीडिया से दूरी बनाएं। शुरुआत में सप्ताह में एक दिन ऑफलाइन रहने का प्रयास करें। इस अभ्यास को लगातार जब तक दोहराएं, जब ऑफलाइन रहना आपकी आदत में शामिल न हो जाए। इसके बाद धीरे-धीरे दिन बढ़ाते जाएं। अपने आसपास आपको बहुत से ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहते। उन्होंने उस समय का उपयोग किताबें पढ़ने, दोस्तों के साथ समय बिताने, ध्यान और योग पर खर्च किया, तो उनका जीवन बदल गया। वे लोग आपको प्रेरणा देंगे।