निपाह वायरस संक्रमण भारत समेत कई देशों में अपना कहर खूब मचाया है। बीते साल भारत में भी निपाह वायरस के मामले व उनसे संदिग्ध मौत के मामले सामने आए थे जिसने हड़कंप मचा दिया था। लेकिन हाल ही में निपाह वायरस को लेकर एक अच्छी खबर आई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में निपाह वायरस के लिए तैयार की गई वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है। विश्वविद्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के लिए तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल अब इंसानों पर शुरू किया जाएगा जिससे जल्द ही खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।
अभी तक नहीं बनी थी वैक्सीन
भारत के केरल राज्य सहित दुनियाभर के कई हिस्सों में अपना प्रकोप फैलाने वाले इस खतरनाक वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई थी। लेकिन अब इसकी वैक्सीन तैयार हो चुकी है और इसके ह्यूमन ट्रायल की पहली डोज पिछले हफ्ते दी जा चुकी है। इस वैक्सीन का पहले ट्रायल कम इंसानों पर किया जाएगा और धीरे-धीरे हर बार इंसानों की संख्या को बढ़ा दिया जाएगा।
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कोविड वैक्सीन के तरीके से बनाया गया
आपको बता दें कि निपाह जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए जो वैक्सीन तैयार की है, इसका नाम ChAdOx1 NiV है। इसकी खास बात यह है कि इस वैक्सीन को उसी तरह से बनाया गया है, जिस तरह से एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोवि 19 वैक्सीन AZN.L और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपनी कोविड 19 वैक्सीन बनाने के लिए किया था।
निपाह वायरस क्यों खतरनाक है
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह एक प्रकार का वायरस है। निपाह वायरस खतरनाक इसलिए है क्योंकि इससे होने वाले संक्रमण में मृत्यु दर बहुत ज्यादा है। इंसानों में निपाह वायरस इन्फेक्शन का सबसे पहला मामला 1998 में मलेशिया में और दूसरा मामला 1999 में सिंगापुर में पाया गया था। वहीं भारत की बात करें तो इसका पहला मामला 2001 में केरल में पाया गया था।
कैसे करें बचाव
- चमगादड़ों व जानवरों से दूरी बनाए रखें। मृत जानवर को न छुएं
- निपाह वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करें
- बार-बार हाथ धोएं व अन्य स्वच्छता का ध्यान रखें
- खाने व पीने की चीजों को ढक कर ही रखें
- घर के आसपास को साफ रखें
- किसी भी प्रकार का लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें