हर माता-पिता अपने बच्चे को एक बेहतर इंसान बनाना चाहते हैं। उसे अच्छी शिक्षा देना, जीवन में अच्छी बातें सिखाना, दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना जैसी बातें बच्चों को हर दिन बताते हैं। फिर भी कुछ बच्चे गलत राह पर निकल जाते हैं उनकी दोस्ती-यारी अच्छी नहीं होती है। ऐसे बच्चे मां-बाप से झूठ बोलना शुरू कर देते हैं, बात-बात पर बहस करते हैं। ये सभी समस्याएं टीनएजर बच्चों में अधिक देखने को मिलती हैं। ऐसे में 10 से लेकर 12 की उम्र वाले बच्चे पर पहले से ही ध्यान देना जरूरी हो जाता है, ताकि वे टीनएज में पहुंचकर बुरी संगत के कारण बिगड़ ना जाएं। इसलिए माता-पिता को समय रहते इन बातों पर गौर कर लेना चाहिए कि कहीं उनका बच्चा बिगड़ तो नहीं रहा है।
इन संकेतों पर जरूर करें
बच्चे अपने आसपास यानी स्कूल, पार्क, ट्यूशन आदि जगहों पर जो भी देखते हैं, सुनते हैं, उसे ही फॉलो करने लगते हैं। यदि संगत सही ना हो तो बच्चों के बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि पैरेंट्स शुरू से ही उनकी व्यवहार पर ध्यान दें ताकि उन्हें बिगड़ने से बचाया जा सके।
यदि आप कोई भी छोटा-मोटा घर का काम करने के लिए बच्चे को बोलें और वह ना करे तो समझ जाएं कि आपका बच्चा बिगड़ रहा है। ऐसा बच्चे तभी करते हैं, जब उनकी दोस्ती, संगति सही नहीं होती है।
जिस काम को आप अपने बच्चे को करने से मना कर रही हों, उसे ही वो जान-बूझकर बार-बार करे तो समझ लें कि आपका बच्चा बिगड़ रहा है। वो आपकी बात नहीं सुनता तो दूसरों की क्या सुनेंगा। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप समय रहते ऐसा करने के कारणों और इस संकेत को पहचान लें।
कुछ बच्चे किसी भी चीज के लिए जिद्दी होते हैं। इसके लिए वे पैरेंट्स से बहस भी करने लगते हैं। यहआदत 8-10 साल की उम्र के बच्चे में अधिक देखने को मिलती है। पैरेंट्स को बच्चे की इस आदत को प्यार से समझाते सही करने की जरूरत होती है।
यदि बच्चा किसी क्लासमेट या दोस्त का कोई सामान चुरा लेता है और आपको इस बात का पता चल जाए तो उसे तुरंत समझाएं। मारने-पीटने की बजाय उसे प्यार से समझाएं कि चोरी करने का परिणाम क्या हो सकता है।
यदि आपका बच्चा बात-बात में अभद्र भाषा और गाली का इस्तेमाल करने लगा हो तो ये बच्चे के गलत संगत में रहने और बिगड़ने का एक गंभीर संकेत हो सकता है। यदि वे किसी दूसरे बच्चे से लड़ाई-झगड़ा करे, उसे थप्पड़ मार दे, उसकी पिटाई करके घर आए तो आप अलर्ट हो जाएं। बच्चे के मुंह से किसी भी अभद्र शब्द, भाषा को सुनते ही तुरंत टोकें।