Mental Health: हमारे पूरे स्वास्थ्य को ठीक रखना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें सिर्फ शरीर की सेहत ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य असल में एक-दूसरे के पूरक होते हैं। इनमें से एक में भी होने वाली समस्या का असर नुकसानदायक हो सकता है।
कई हालिया रिपोर्ट्स में ये चिंता जताई जाती रही है कि समय के साथ लोगों में मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) से संबंधित विकारों का खतरा बढ़ गया है। विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद से चिंता-तनाव जैसी समस्याएं लगभग हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं।क्या आप भी इस तरह की दिक्कतों से परेशान हैं? अगर हां, तो अभी से इसके लिए उपाय शुरू कर दीजिए। जीवनशैली में कुछ बदलाव आपके मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायक हो सकते हैं।
Mental Health के लिए क्या करें?
अच्छी नींद और नियमित व्यायाम
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए अच्छी नींद और नियमित व्यायाम दो प्रभावी तरीके हो सकते हैं। शारीरिक व्यायाम, जैसे- योग, दौड़ना, तैरना आदि से दिमाग में एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जो तनाव को कम करता है और हमें खुशी का एहसास कराता है। इसके अलावा रोजाना कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूरी है। अच्छी नींद के साथ नियमित योग-व्यायाम और मेडिटेशन के अभ्यास से भी समस्या में लाभ पाया जा सकता है।
जीवनशैली में करें सुधार
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके तनाव-चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में मदद मिल सकती है। तनाव-चिंता जैसी स्थितियों में दोस्तों से बात करें, अपनी परेशानियों को साझा करें, इससे मानसिक शांति मिलती है। योग का अभ्यास करें, संगीत सुनें, मेडिटेशन करें। संतुलित भोजन से भी लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
Mental Health के लिए क्या न करें?
नशे का सहारा न लें
चिंता और तनाव होने पर अक्सर लोग नशा का सहारा लेने लगते हैं, जो आपके लिए और भी दिक्कतें बढ़ा देती है। शराब, कुछ समय के लिए अवरोधक का काम करके आपके नशे में रखता है पर इससे बीमारी के सही निदान में देरी हो सकती है जिसके कारण रोग के गंभीर रूप लेने का खतरा रहता है। किसी भी प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्या महसूस होने पर शराब या किसी भी नशीली चीजों का सेवन न करें।
सोशल मीडिया से बनाएं दूरी
सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग भी मानसिक थकावट और चिंता का कारण बन सकता है, इसलिए तकनीक का सीमित और नियंत्रित उपयोग करें। स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से बचें। बढ़े हुए स्क्रीन टाइम से नींद प्रभावित होती है और इससे मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक असर हो सकता है।