सर्दियां शुरू होते ही देश भर में खतरनाक बाीमारी डेंगू का कहर बढ़ रहा है। एक मच्छर के काटने से फैलने वाला यह वायरस बुखार के रूप में शरीर को कई तरह से हानि पहुंचाता है और इससे पीड़ित मरीज की मौत तक हो जाती है। डेंगू का वायरस और बुखार लिवर की सूजन ही नहीं बढ़ा रहा बल्कि अब ये दिल की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा रहा है। मतलब अब डेंगू का खतरा केवल शरीर ही नहीं बल्कि दिल के लिए भी जानलेवा हो गया है।
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डेंगू का खतरा अब दिल पर भी
दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में डेंगू के पीड़ित मरीजों पर एक टेस्ट किया गया। जिसमें पाया गया कि डेंगू वायरस के न्यूरो, लिवर और दिल से जुड़े गंभीर संकेतों को अब एक्सटेंडेट डेंगू सिंड्रोम कहा जा रहा है। जब दिल पर डेंगू का असर होता है तो दिल से जुड़े लक्षण असमान्य होने लगते हैं। जैसे हार्ट बीट का तेज होना, दिल की मांसपेशियों में सूजन आदि। इसका सबसे ज्यादा असर हार्ट वैसल पर होता है। दिल की मांसपेशियों में जब सूजन आ जाती है तो दिल को ब्लड पंप करने में समस्या होने लगती है। ऐसे में हार्ट बीट पर असर पड़ता है और मरीज के सीने में जलन और दर्द होने लगता है। ऐसे में अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो हार्ट अटैक या हार्ट फेल की स्थिति आने की आशंका भी भी हो सकती है।
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हार्ट MRI है इसका इलाज
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब डेंगू के मरीज की ईसीजी की रिपोर्ट में कुछ बदलाव दिखें तो तुरंत हार्ट एमआरआई और स्ट्रेस इको टेस्ट करवाना चाहिए। क्यूरियस जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती डेंगू के मरीजों में करीब 4.2 फीसदी मरीजों के दिल की मांसपेशियों में सूजन देखी गई।
कई बार लापरवाही के चलते डेंगू के मरीज ईसीजी नहीं करवाते और ऐसे में डेंगू के वायरस का असर उनके दिल की मांसपेशियों में सूजन ला देता है। अगर समय पर इसका समाधान ना किया जाए तो मरीज को दिल का दौरा पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट डेंगू होने के बाद मरीज को हार्ट एमआरआई करवाने की सलाह दे रहे हैं।