इस समय देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. कई महीनों बाद कोविड के आंकड़ों में इजाफा हुआ है. केरल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोविड के नए सब वेरिएंट JN.1 के केस भी आ रहे हैं. देश में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या 1700 से अधिक हो गई है. कई महीनों बाद कोविड के सक्रिय मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय कोविड के नए सब स्ट्रेन पर नजर रखनी होगी. जिस इलाके में इस स्ट्रेन का केस आया है वहां जीनोम सीक्ववेंसिंग बढ़ाने की जरूरत है. सीक्वेंसिंग से ही पता चल पाएगा कि कितने मरीजों में यह वेरिएंट है.
देश में बीते 6 महीनों में कोविड वैक्सीनेशन भी काफी कम हुआ है. केस नहीं आ रहे थे तो लोगों ने वैक्सीन भी नहीं लगवाई थी, लेकिन अब बढ़ते मामलों के बीच क्या फिर से बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत है?
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस बारे में डॉ. कमलजीत सिंह बताते हैं कि कोविड के कुछ केस हमेशा आते रहेंगे. ऐसा कभी नहीं होगा कि एक भी केस न आए. अगर टेस्ट होंगे तो लोग संक्रमित भी मिलेंगे, लेकिन अब कोविड की मारक क्षमता कम हो गई है.
यह वायरस कम्यूनिटी में मौजूद तो है, लेकिन उतना प्रभावी नहीं है, जहां तक बात बूस्टर डोज की है तो इस बारे में लोगों को अपने हिसाब से निर्णय लेना होगा. जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है उनको वैक्सीनेशन पर ध्यान देना होगा, लेकिन फिलहाल यह देखना होगा कि किस कितने बढ़ रहे हैं और मरीजों में लक्षण कैसे हैं.
सावधानी बरतें लोग
डॉ सिंह कहते हैं कि लोगों को कोविड को लेकर सतर्क रहना होगा. इस समय दुनिया के कई देशों में कोविड के साथ अन्य सांस की बीमारियों के मामले भी बढ़ रहे हैं. भारत में भी सर्दियों के मौसम में इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के केस आते हैं. अब कोविड भी बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को सलाह है कि वह अपनी सेहत का ध्यान रखें. भीड़ वाले इलाके में मास्क लगाएं और हैंड हाइजीन का ध्यान रखें