भारतीय संस्कृति में पेट की मालिश उसका एक हिस्सा माना जाता रहा है। बचपन से ही बच्चों की पीठ की मालिश के बाद पेट की मालिश करते हुए अक्सर आपने देखा ही होगा। सदियों से विभिन्न संस्कृतियों में समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में पेट की मालिश जाना जाता है। खासकर पाचन स्वास्थ्य और आराम के लिए काफी अधिक फायदेमंद है। पेट की मालिश करने से कई सारे फायदे मिलते हैं। ऐसा करने से कब्ज, सूजन और यहां तक कि तनाव भी कम होती है।
पाचन में सुधार
पेट की मालिश पाचन तंत्र को अच्छा करती है और बेहतर पाचन को बढ़ावा देने के साथ ही कब्ज, सूजन व अपच जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल नर्सिंग में पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार, पेट की मालिश से पुरानी कब्ज वाले मरीजों को मल त्याग में सुधार होने के साथ कब्ज की समस्या कम होती है। पेट पर लगाया गया हल्का दबाव पाचन तंत्र में सुधार होता है।
सूजन और गैस को करता है कम
कई लोगों को अक्सर सुस्त पाचन तंत्र की वजह से सूजन और गैस होता है। पेट की मालिश गैस से मुक्ति दिलाती है। कॉम्प्लिमेंट्री थैरेपीज इन मेडिसिन जर्नल में शोध के मुताबिक, पेट की मालिश चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (IBS) से पीड़ित रोगियों में सूजन के लक्षणों को कम करने में काफी असरदार मानी गई है।
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कब्ज से राहत
कब्ज एक आम पाचन समस्या है, जो कई लोगों को प्रभावित करती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ नर्सिंग स्टडीज में एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से पेट की मालिश करने से रोगियों में आंत ठीक से फंक्शन करने लगता है। फाइबर खने से आंत साफ होता है।
तनाव से राहत
जिस तरह पीठ की मालिश तनाव को कम कर सकती है, ठीक उसी तरह पेट की मालिश तनाव को दूर कर सकती है और शांति की भावना को बढ़ावा दे सकती है। पेट का क्षेत्र महत्वपूर्ण संख्या में नसों का घर है, जिसे अक्सर दूसरा दिमाग या एंटरिक तंत्रिका तंत्र कहा जाता है।