प्रेग्नेंसी किसी भी मां और पिता के लिए उनके जीवन का एक बहुत ही खास समय होता है। लेकिन खुशी का यह समय उनके लिए कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में एक मां को कई तरह की परेशानियां और चिंताओं का सामना करना पड़ता है। जहां एक ओर उनके शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं, वहीं दूसरी ओर अपने गर्म में पल रहे बच्चे की सलामती से जुड़ी चिंताएं उन्हें काफी परेशान करती हैं।
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ऐसी ही एक आम चिंता जिसका ज्यादातर गर्भवती महिलाएं सामना करती हैं वह है गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन। अपने बच्चे की धड़कन सुनना एक मां को काफी सुकून दे सकता है। लेकिन कई बार यह उनमें तनाव और बेचैनी का कारण भी बन सकता है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में भ्रूण की हार्टबीट को ट्रैक कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। साथ ही, भ्रूण का हृदय बनने और हार्टबीट आने में भी थोड़ा समय लगता है। लेकिन जब कोई गर्भवती महिला डॉक्टर के पास जाती है और कई बार जब भ्रूण की हार्टबीट ट्रैक नहीं हो पाती है, तो इसको लेकर महिलाएं काफी टेंशन में आ जाती हैं। इसके कारण उनके मन में भ्रूण के विकास और स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह की चिंताएं आने लगती हैं, जो उनकी मौजूदा स्थिति के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ
नोएडा की प्रमुख वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमा मिश्रा बताती हैं कि “गर्भ में भ्रूण के हृदय के विकास और हार्टबीट आने के पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। बहुत बार भ्रूण की हार्टबीट इसलिए नहीं आ पाती है, क्योंकि हो सकता है कि आपने समय से पहले उसकी हार्टबीट को ट्रैक करने की कोशिश हो। आपका गर्भधारण कब हुआ है और बच्चे की हार्टबीट कौन से हफ्ते से आना शुरू होगी, यह आपका डॉक्टर बेहतर जानता है। लेकिन कई बार उत्सुकता में महिलाएं डॉक्टर से जल्दी हार्टबीट चेक करने का अनुरोध करती हैं और धड़कन न सुनाई देने पर चिंतित हो जाती हैं।
ऐसे में बहुत सी महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि आखिर भ्रूण की हार्टबीट कौन से सप्ताह में सुनाई देती है और इसे ट्रैक कैसे किया जा सकता है।
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हार्टबीट कब शुरू होती है?
डॉक्टर उमा के मुताबिक, “आमतौर पर, भ्रूण के हृदय का विकास होने के बाद डॉक्टर गर्भावस्था के छठे और आठवें सप्ताह के बीच दिल की धड़कन का पता लगा सकते हैं। 5वें सप्ताह (28-35 दिन) के आसपास, हृदय बनना शुरू हो जाता है, और 5वें सप्ताह के अंत या 6वें सप्ताह की शुरुआत तक, आपके बच्चे का छोटा दिल धड़कना शुरू कर देता है। इसे एम्ब्रियोनिक हार्टबीट के रूप में भी जाना जाता है। यह बच्चे की स्वतंत्र संचार प्रणाली की शुरुआत का प्रतीक है।”
ये बातें जो आपको पता होनी चाहिए
गर्भकालीन आयु
भ्रूण की गर्भकालीन आयु एक महत्वपूर्ण कारक है। गर्भावस्था के 6वें से 8वें सप्ताह के आसपास दिल की धड़कन का पता लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ भिन्नताएं देखने को मिल सकती हैं। इस स्थिति में आपके डॉक्टर भिन्नताओं की समीक्षा और इस पर विचार करेंगे।
शिशु की पोजीशन
गर्भ में शिशु की पोजीशन दिल की धड़कन की ध्वनि की स्पष्टता को प्रभावित कर सकती है। कई बार इसके कारण हार्टबीट डॉक्टर को स्पष्टता में कमी महसूस हो सकती है।
मातृ कारक
मां की शारीरिक संरचना भी बहुत मायने रखती है। पेट की अतिरिक्त चर्बी जैसे कारक भ्रूण के दिल की धड़कन की स्पष्टता को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ मामलों में, डॉक्टर सटीक रीडिंग के लिए अन्य विकल्पों की मदद ले सकते हैं।
इस तरह ट्रैक करें दिल की धड़कन
डॉक्टर उमा बताती हैं कि कई तरीकों की मदद से भ्रूण के दिल की धड़कन को ट्रैक किया जा सकता है। इनमें अल्ट्रासाउंड इमेजिंग, डॉक्टरों या अस्पतालों द्वारा उपयोग किए जाने वाले डॉपलर उपकरण, घर पर उपयोग किए जाने वाले भ्रूण डॉपलर उपकरण और यहां तक कि एक प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा स्टेथोस्कोप के माध्यम से भी हार्टबीट ट्रैक किया जाना शामिल है। पहली तिमाही में आप अपने डॉक्टर से भ्रूण की हार्टबीट चेक करने के लिए कह सकते हैं। साथ ही, उनसे हार्टबीट ट्रैक करने के तरीके भी जान सकते हैं। घर पर हार्टबीट ट्रैक करने के लिए आपको डॉक्टर घरेलू डॉपलर उपकरण खरीदने का सुझाव दे सकते हैं। भ्रूण के दिल की धड़कन को मॉनिटर करने के लिए अन्य तरीके जिनका सुझाव डॉक्टर देते हैं वे नीचे दिए गए हैं…
अल्ट्रासाउंड इमेजिंग
यह भ्रूण की हार्टबीट का पता लगाने का सबसे आम और विश्वसनीय तरीका है। इससे विकासशील भ्रूण की कल्पना करने और छोटे दिल की स्पष्ट धड़कन सुनने में मदद मिलती है।
स्टेथोस्कोप
कुछ मामलों में, डॉक्टर भ्रूण के दिल की धड़कन सुनने के लिए स्टेथोस्कोप का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, अल्ट्रासाउंड और डॉपलर उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध तकनीक की तुलना में यह तरीका कम आम है।
घरेलू फेटल डॉपलर
कुछ माता-पिता घर पर हैंडहेल्ड भ्रूण डॉपलर उपकरणों का उपयोग करते हैं, जो बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि, अनावश्यक तनाव से बचने के लिए इन उपकरणों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना और निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। मार्गदर्शन के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।
डॉपलर डिवाइस
डॉक्टर द्वारा उपयोग किए जाने वाले डॉपलर अल्ट्रासाउंड उपकरण भ्रूण की हार्टबीट की ध्वनि का पता लगा सकते हैं और उसे बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इन उपकरणों का उपयोग आमतौर पर डिलीवरी से पहले जांच के दौरान किया जाता है, लेकिन सटीक रीडिंग के लिए हमेशा डॉक्टर पर भरोसा करना आवश्यक है।