Fasting and Rumors: जब आप फ़ास्टिंग करते हैं तो शरीर में क्या होता है. फ़ास्टिंग करने के फायदे क्या हैं. क्या फ़ास्टिंग करने से वेट लॉस हो सकता है. और, किन लोगों को फ़ास्टिंग करने से बचना चाहिए.चलिए आपको बताते हैं. जब हम खाना खाते हैं तो खाने से मिला ग्लूकोज़ ‘ग्लाइकोजन’ के रूप में हमारी मांसपेशियों और लिवर में जमा होता है. फिर जैसे ही हम खाना छोड़ते हैं तो ये ग्लाइकोजन धीरे-धीरे खून में रिलीज़ होने लगता है. लगभग 24 घंटे के बाद शरीर से ग्लाइकोजन का भंडार खत्म हो जाता है. अब अगर कोई व्यक्ति 24 घंटे से ज़्यादा का फ़ास्ट रखे तो शरीर एनर्जी के लिए फैट का इस्तेमाल करता है. जब फैट भी खत्म हो जाता है तो शरीर मांसपेशियों को तोड़कर ग्लूकोज़ पैदा करना शुरू कर देता है.
फ़ास्टिंग करने के फ़ायदे क्या हैं? | Fasting and Rumors
– कई स्टडीज़ में पाया गया है कि फ़ास्ट करने से वज़न घटता है.
– हमारे सोचने की शक्ति तेज़ होती है.
– कुछ स्टडीज़ में ये भी देखा गया है कि फ़ास्टिंग से कैंसर होने के चांस कम हो जाते हैं.
क्या वाकई फ़ास्टिंग से वेट लॉस होता है? | Fasting and Rumors
फ़ास्टिंग और वेट लॉस से जुड़ी कई स्टडीज़ हुई हैं. ऐसा देखा गया है कि जब कोई 12 से 24 घंटे की फ़ास्टिंग करता है, तब शरीर का मेटाबॉलिज़्म (Metabolism) धीमा होने लगता है. मेटाबॉलिज़्म यानी हम जो खाना खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलने, नए सेल्स बनाने और पुराने को बचाए रखने का प्रोसेस. लिहाज़ा अगर कोई लंबे समय तक फ़ास्टिंग करे तो शरीर का मेटाबॉलिज़्म रेट घट जाता है. व्यक्ति की शारीरिक क्षमता भी कम होने लगती है. कई बार लोग फ़ास्टिंग करने के बाद जमकर खाना खाते हैं. जिस वजह से फ़ास्टिंग के फ़ायदे घट जाते हैं. इसलिए, सही तरीके से फ़ास्टिंग करना ज़रूरी है ताकि वेट लोस में मदद मिले.
किन लोगों को फ़ास्टिंग करने से बचना चाहिए? | Fasting and Rumors
डायबिटीज़ वालों या जिन मरीज़ों को खाने के बाद दवाई लेनी होती है, उन्हें फ़ास्टिंग से बचना चाहिए. इसी तरह प्रेग्नेंट महिलाओं, छोटे बच्चों और जिन लोगों को खाने से जुड़ी कोई बीमारी है, उन्हें भी फ़ास्ट नहीं करना चाहिए.