World Thalassemia Day 2025: हर साल आठ मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। यह दिन थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे पीड़ित लोगों के संघर्षों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इसके अतिरिक्त, यह दिन थैलेसीमिया से पीड़ितों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों को रेखांकित करता है। आइए इस थैलेसीमिया बीमारी के कारणों और लक्षणों को आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं।
क्या है थैलेसीमिया? | World Thalassemia Day 2025
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है। यह शरीर में पर्याप्त और स्वस्थ हीमोग्लोबिन बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद वह प्रोटीन है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के बाकी हिस्सों तक ले जाता है। जब शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता, तो गंभीर एनीमिया हो जाता है, जिससे थकान, कमजोरी और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।
थैलेसीमिया माइनर | World Thalassemia Day 2025
थैलेसीमिया एक ऐसा रक्त विकार है, जो हीमोग्लोबिन जीन में म्यूटेशन के कारण होता है और माता-पिता से बच्चों में पारित होता है। यदि किसी व्यक्ति को केवल एक माता-पिता से थैलेसीमिया जीन मिलता है, तो वह थैलेसीमिया वाहक कहलाता है। ऐसे व्यक्ति में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं या कोई लक्षण नहीं होता।

थैलेसीमिया मेजर | World Thalassemia Day 2025
वहीं अगर किसी बच्चे को दोनों माता-पिता से थैलेसीमिया का दोषपूर्ण जीन मिलता है, तो उनमें थैलेसीमिया मेजर (जिसे कूली एनीमिया भी कहते हैं) विकसित होता है। यह थैलेसीमिया बीमारी का सबसे गंभीर रूप है और इसमें नियमित रक्त आधान की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि कई बार शादी से पहले या गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले थैलेसीमिया वाहक जांच करवाने का सुझाव दिया जाता है।
थैलेसीमिया के लक्षण | World Thalassemia Day 2025
थैलेसीमिया के लक्षण बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। जैसे थैलेसीमिया माइनर की स्थिति में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होता या हल्का एनीमिया हो सकता है। वहीं थैलेसीमिया मेजर के स्थिति में बच्चों में जन्म के कुछ महीनों के भीतर लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। वे लक्षण कुछ इस प्रकार से हो सकते हैं, जैसे- गंभीर थकान और कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना (एनीमिया के कारण), बच्चों का धीरे विकास होना, पेट का फूलना, चेहरे की हड्डियों में विकृति, गहरे रंग का मूत्र होना आदि।

रोकथाम और प्रबंधन| World Thalassemia Day 2025
थैलेसीमिया मेजर को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका प्री-मैरिटल (विवाह पूर्व) या प्री-नेटल (गर्भावस्था पूर्व) थैलेसीमिया वाहक स्क्रीनिंग करवाना है। जिन बच्चों में थैलेसीमिया मेजर का निदान होता है, उनके जीवन को बनाए रखने के लिए नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। कई केस में तो बोन मैरो भी ट्रांस्प्लांट कराना पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं बच्चों के लिए ये प्रक्रिया कठिन हो सकती है, यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय जन्म से पहले ही इस समस्या के निदान और इसके उपचार को लेकर प्रयास करने पर ध्यान दे रहा है।