राजधानी लखनऊ में इन दिनों एक रहस्यमयी कीड़े ने आतंक मचाया हुआ है. इसके काटने से लोगों को स्किन से जुड़ी गंभीर बीमारी हो रही हैं. इशहर के सरकारी अस्पतालों में त्वचा रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 30 से 40 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं. जो इस बीमारी से परेशान हैं. इससे लखनऊ शहर में दहशत का भी माहौल है.
राजधानी के लोकबंधु संयुक्त चिकित्सालय के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. विमल सिंह ने इस बीमारी को स्केबीज बताया है. यह बीमारी एक छोटे से कीड़े की वजह से होती है. यह कीड़ा शरीर के नमी वाले हिस्सों पर अपना घर बना लेता है. उन्होंने यह भी बताया कि इसमें खुजली काफी होती है, खासतौर पर रात के वक्त मरीज को ज्यादा परेशानी होती है मरीज ठीक से सो नहीं पाता है. यह बीमारी छुआछूत की होती है, मतलब साफ है कि अगर घर में किसी एक को हुई तो सभी को होने की संभावनाएं हैं. सर्दी के मौसम में लोग एक ही कंबल, एक दूसरे की जैकेट, स्वेटर और बिस्तर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा है.
क्या है स्केबीज की वजह
डॉ. विमल सिंह बताते हैं कि स्केबीज होने का कारण यह है कि एक छोटा सा कीड़ा त्वचा के नीचे सुरंग बनाता है और गंभीर खुजली का कारण बनता है. यह कीड़ा एक छोटी सी भूरे रंग की चींटी की तरह दिखता है, यह लगभग 0.3 मिली मीटर लंबा होता है. यह त्वचा में छेद करता हैं फिर त्वचा में सुरंग नुमा छेद बन जाते हैं, जिसमें मादा कीट अपने अंडे देती है. अंडे फूटने पर उनसे निकलने वाले कीट त्वचा की अलग-अलग दिशाओं में फैलने लगते हैं. यह कपड़े या बिस्तर पर 3 से 4 दिन तक जिंदा रहते हैं. ये हर दिन लगभग 3 से 4 अंडे देती है और 30 अंडे देने के बाद मर जाती है, इसका संक्रमण तेजी से बढ़ता है.
क्या हैं स्केबीज के लक्षण
- रात के वक्त खुजली होती है. जो असहनीय हो जाती है, ज्यादा खुजली से त्वचा पर घाव बन जाता है और ये घाव संक्रमण को बढ़ाता है.
- स्किन पतली भी हो जाती है और स्किन पर मोटी पपड़ी बन जाती है.
- जब किसी व्यक्ति में यह बीमारी गंभीर हो जाती है, तो शरीर पर चकत्ते भी निकल आते हैं.
ऐसे करें बचाव
- रात के वक्त त्वचा में तेज खुजली होना इसका प्रमुख लक्षण है. तेज खुजली होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
- स्केबीज से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें. अपने शरीर को साफ और स्वच्छ रखना जरूरी है.
- स्केबीज के माइट्स फर्नीचर, कपड़ों और बिस्तर से भी फैल सकते हैं. शरीर के साथ-साथ इन चीजों को भी साफ रखें.
- यह बीमारी जिसे हो जाए, तो उसका बिस्तर या उसके कपड़ों का इस्तेमाल न करें.
क्या संभव है इसका इलाज
डॉ. विमल सिंह ने बताया कि इस बीमारी का इलाज संभव है. इसको ठीक होने में 2 से 3 हफ्ते का वक्त लगता है. मार्केट में उपलब्ध कोई भी क्रीम खरीद कर खुद से न लगाएं. डॉक्टर से सलाह लें और डॉक्टर के अनुसार ही दी जाने वाली क्रीम या फिर दवा का सेवन करें.