लाल और पीले रंग की गाजर तो हम सबने देखी है और खाई भी बहुत है। पर क्या आपने कभी काली गाजर का आनंद लिया है? यकीनन आपने इसे इंटरनेट पर ऑनलाइन बाज़ार में या सुपर मार्केट में भी जरूर देखा होगा। अगर अभी तक आप इसे सिर्फ देख ही रहे हैं और इसे ट्राई नहीं किया है, तो अब समय है इसे अपने आहार में शामिल करने का। हेल्थ शॉट्स पर आज हम काली गाजर के फायदों के बारे में बता रहे हैं।
वास्तव में आप काली गाजर का इस्तेमाल करके गाजर का हलवा, गाजर की सब्जी और कई चीजें बना सकती हैं। सर्दियों में गाजर का हलवा कोई नहीं भूल सकता है लेकिन अगर आप केवल लाल रंग की गाजर से ही हलवा बनाते हैं, तो आपको एक बार काली गाजर से भी हलवा बनाकर ट्राई करना चाहिए। इसका स्वाद आपको काफी पसंद आ सकता है।
काली गाजर, जिसे पर्पल गाजर भी कहा जाता है, ये लाल गाजर का ही रूप है। एंथोसायनिन के कारण इस गाजर का गहरा रंग होता है, जो कई बैंगनी या गहरे रंग के फलों और सब्जियों में पाए जाने वाला एक एंटीऑक्सिडेंट हैं। काली गाजर में फाइटोकेमिकल होता है जो आपको कई स्वास्थ्य लाभ देता है। इसमें उच्च एंथोसायनिन सामग्री एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करती है, जो शरीर के भीतर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करने में सहायता करती है। एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे हृदय संबंधी जैसी खतरनाक समस्या को दूर रखा जा सकता है।
काली गाजर के फायदों के बारे में डॉ राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल ने ज्यादा जानकारी साढा की। ये नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी हैं।
काली गाजर के फायदे
आंखों की रोशनी बढ़ाती है
गाजर लंबे समय से अपनी बीटा-कैरोटीन आपूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जो आपकी आंखो की रोशनी के लिए बहुत अच्छा है। बीटा-कैरोटीन आपके मैक्यूलर डिजनरेशन के जोखिम को कम करने और मोतियाबिंद के विकास को धीमा करने में सक्षम हो सकता है।
रुमेटीइड आर्थराइटिस वाले लोगों के लिए फायदेमंद
अगर आपको गठिया है और अगर सर्दियों के समय आपकी गठिया बढ़ जाती है तो आप काली गाजर का इस्तेमाल क सकती है। काली गाजर में कुछ सक्रिय तत्वों में सूजन-रोधी गुण होते हैं, साथ ही एंटीऑक्सिडेंट क्षमताएं भी होती हैं, जो पुरानी बीमारियों और ऑक्सीडेटिव तनाव को धीमा करने में मदद कर सकती हैं, जो कि रूमेटोइड आर्थराइटिस का कारण बनता है।
ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद है
काली गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्रेन में बीटा-एमिलॉयड प्लाक के इकट्ठा होने को कम करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे आपके सोचने समझने की क्षमता और यादाश्त को बढ़ा सकता है और ये न्यूरोडीजेनेरेटिव से भी आपको बचाने में मदद करता है।
पाचन में सहायता मिल सकती है
गाजर में फाइबर अत्यधिक मात्रा में होता है, जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए आवश्यक है। फाइबर आंत में पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के रिलीज को भी नियंत्रित करता है।
काली गाजर का इस तरह करें इस्तेमाल
खाना बनाने में
काली गाजर का उपयोग नियमित गाजर की तरह ही खाना पकाने में किया जा सकता है। इन्हें भूना जा सकता है, भाप में पकाया जा सकता है, उबाला जा सकता है । आप अपने व्यंजनों में रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए उन्हें सूप, स्टू, स्टर-फ्राई या करी में मिला सकते हैं।
अचार बना लें
आप काली गाजर को संरक्षित करने और उसका स्वाद बढ़ाने के लिए उसका अचार बना सकते हैं। गाजर को टुकड़ों में काट लें और उन्हें सिरके, पानी, नमक और मसालों के मिश्रण में डुबो दें। आचार में तीखा स्वाद आने के लिए आप इसे कुछ दिनों तक छोड़ सकते है।
जूस के रूप में करें इस्तेमाल
इन गाजरों का उपयोग अक्सर जूस बनाने के लिए किया जाता है। बस उन्हें धोएं, छीलें और जूसर का उपयोग करके उनका रस निकालें। एक अच्छे और पौष्टिक जूस के लिए आप जूस को अन्य फलों या सब्जियों के साथ मिला सकते हैं।