सर्दियों में अक्सर निमोनिया ट्रिगर करता है और समय के साथ काफी परेशान करने लगता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है वैसे-वनैसेलक्षण और खराब होने लगते हैं। साथ ही कई समस्याएं बढ़नी लगती हैं। कई बार गंभीर मामलों में अस्पताल के भी चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपनी डाइट कुछ ऐसी रखनी चाहिए कि निमोनिया मैनेज होता रहे। साथ ही ये ट्रिगर न करे और न ही कोई दिक्कत पैदा करे। तो, आइए जानते हैं निमोनिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। साथ ही किस बात का विशेषरूप से ख्याल रखें।
निमोनिया में क्या नहीं खाना चाहिए
निमोनिया में कभी आपको उन फूड्स के सेवन से बचना चाहिए जिसमें स्टार्च हो क्योंकि ये बलगम बनाता है और कंजेशन को बढ़ाता है। तो, इन फूड्स के सेवन से बचें। जैसे
- दूध से बने और मीठे प्रोडक्ट्स जो कि फेफड़ों में कफ का कारण बनते हैं।
- कोल्ड ड्रिंक्ल जिसमें शुगर तो होता ही बल्कि सोडियम भी होता है तो जो निमोनिया के खतरे को बढ़ाते हैं।
- सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे नमकीन डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन करने से सांस की तकलीफ जैसे निमोनिया के लक्षण बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा शराब के सेवन से बचें। शराब में सल्फाइट्स होते हैं,जो निमोनिया के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर बीयर, वाइन और शराब में पाया जाने वाला इथेनॉल फेफड़ों की कोशिकाओं को प्रभावित करता है जिससे निमोनिया के लक्षण और बढ़ सकते हैं। तो, डाइट में इन बातों का ख्याल रखें और निमोनिया से बचें।
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निमोनिया में क्या खाना चाहिए
अगर आपको निमोनिया है तो उन चीजों का सेवन करें जो कि बलगम न बनाए। जैसे कि
- साबुत अनाज जैसे चावल, जई और जौ जैसे साबुत अनाज में सेलेनियम होता है जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देता है और निमोनिया से बचाता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमण को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं।
- प्रोटीन युक्त भोजन जैसे नट्स, बीन्स, बीज, चिकन और सैल्मन जैसी मछली जो फेफड़ों के क्षतिग्रस्त ऊतकों को बदलने में मदद करता है।
- दही में उत्कृष्ट प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और निमोनिया से बचाते हैं।
- खुद को पानी से हाइड्रेटेड रखें। यह निमोनिया संक्रमण के दौरान फेफड़ों में बनने वाले बलगम को ढीला कर देता है और इस प्रकार से पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।