स्वास्थ्य और बीमारियां

कोरोना का नया वैरिएंट बना चिंता का विषय, इस तरह देता है चकमा

एक अध्ययन से पता चला है कि एक साधारण ब्लड टेस्ट दिल का दौरा पड़ने से पहले के महीनों में सक्रिय कई महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं का पता लगाने में मदद कर सकता है। दिल का दौरा दुनिया भर में मौत का सबसे आम कारण है और वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है। कई उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान नहीं की जाती है या वे अपना निवारक उपचार नहीं लेते हैं।

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट JN.1 वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसकी खासियत ये है कि ये बहुत तेजी से फैलता है और टीकों से बच निकलने में भी माहिर है। JN.1 वैरिएंट में 30 से ज्यादा स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे ये आसानी से फैल सकता है। साथ ही, ये वैरिएंट मौजूदा टीकों से कुछ हद तक बच निकलने में भी सक्षम है।

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

नवंबर 2023 के अंत तक, JN.1 वैरिएंट फ्रांस और स्पेन में तेजी से फैल चुका था। ये इस बात का संकेत देता है कि ये वैरिएंट दुनियाभर में फैल सकता है। जापान के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि JN.1 वैरिएंट से खतरे से निपटने के लिए तत्काल शोध की जरूरत है। इसका तेजी से फैलना और टीकों से बचने की क्षमता इसे खतरनाक बनाती है।

भविष्य के लिए कारगर साबित होगा शोध

प्रोफेसर केई सातो (टोक्यो विश्वविद्यालय) का कहना है कि “JN.1 वैरिएंट पर शोध से हमें न सिर्फ कोरोना को समझने में मदद मिलेगी बल्कि भविष्य की महामारियों से लड़ने के लिए भी जरूरी जानकारी मिल सकती है।” JN.1 वैरिएंट के उभरने से ये साफ हो गया है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर लगातार निगरानी और शोध जरूरी है। इससे हम इस वायरस से बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button